दार्जिलिंग । जीटीए प्रमुख अनित थापा ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक तीस्ता बाढ़ पीड़ितों को चार आने की सहायता नहीं दी है, लेकिन राज्य सरकार ने इसे आपदा घोषित नहीं किये जाने के बावजूद कई रियायतें दी हैं। जीटीए प्रमुख अनित थापा से टेलीफोन पर बातचीत में उन्होंने बताया कि पिछले साल जैसे ही तीस्ता में बाढ़ से तटीय इलाकों को नुकसान पहुंचा था, उन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिखकर इसे आपदा घोषित करने का अनुरोध किया था, लेकिन राज्य ने इसे आपदा घोषित नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि राज्य ने तीस्ता बाढ़ को आपदा क्यों घोषित नहीं किया।
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि राज्य सरकार ने तीस्ता बाढ़ को आपदा घोषित नहीं किया है, लेकिन वह अब तक बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। जीटीए प्रमुख थापा ने केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा, मुझे नहीं पता कि राज्य सरकार ने तीस्ता को आपदा क्यों घोषित नहीं किया, लेकिन केंद्र सरकार ने भी अभी तक तीस्ता बाढ़ के लिए चार आने नहीं दिये हैं। मुझे जो करना था मैंने कर लिया है। तीस्ता में बाढ़ के मामले में, मैंने राज्य सरकार को पत्र लिखा था और उनसे आपदा घोषित करने का अनुरोध किया था, मैं बस इतना ही कर सकता था। मैंने वह किया है जो जीटीए के मुख्य कार्यकारी के रूप में किया जा सकता है। मेरा काम राज्य के साथ पत्राचार करना है, मैंने वही किया। केंद्र सरकार से पत्राचार करना सांसद राजू बिष्ट की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राजू बिष्टउस सरकार के सांसद हैं जिसकी सरकार केंद्र में है और उन्होंने केंद्र के साथ मिलकर पुल का काम करने की मंशा जताई थी।
एक सवाल के जवाब में जीटीए प्रमुख अनित थापा ने भी माना कि राज्य सरकार ने तीस्ता बाढ़ को आपदा घोषित न कर गलती की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी अब तक कोई मदद नहीं की है। उन्होंने कहा कि गलतियां बताने से कुछ नहीं होगा, बल्कि मदद का हाथ भी बढ़ाना चाहिए। जीटीए प्रमुख थापा ने कहा, लेकिन राज्य सरकार तीस्ता पीड़ितों को सभी रियायतें दे रही है। बाढ़ के कारण सड़कें बंद होने पर उन्हें खुलवाने से लेकर तीस्ता बाढ़ पीड़ितों के बैंक खाते में 75 हजार रुपये ट्रांसफर किये गये हैं और पीड़ितों के लिए भोजन सामग्री की व्यवस्था की गयी है।
जीटीए प्रमुख थापा ने बताया कि उन्होंने तीस्ता बाढ़ की स्थिति के बारे में सांसद राजू बिष्ट से भी बात की है। मैंने पहले ही तीस्ता बाढ़ और इससे पैदा हुई समस्याओं के बारे में सांसद राजू बिस्ता से बात की है। उन्होंने मुझे बताया कि केंद्र सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी। हालांकि, जीटीए प्रमुख की टिप्पणियों का उद्देश्य कुछ आशा जगाना था कि केंद्र तीस्ता बाढ़ की स्थिति और पीड़ितों की चिंताओं के कारण नई सरकार के गठन के व्यस्त कार्यक्रम के बाद फुर्सत के साथ कुछ करेगा।
GTA प्रमुख अनित थापा ने तीस्ता नदी के किनारे रेत के ढेर लगे होने का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक इन्हें नहीं हटाया जाएगा, तीस्ता की स्थिति में सुधार करना मुश्किल होगा। उन्होंने तीस्ता तल से गाद हटाकर जल स्तर को नियंत्रित करने का इरादा जताया है। तीस्ता में बाढ़ से हुए नुकसान के बाद पड़ोसी राज्य सिक्किम की सरकार ने आपदा घोषित कर दी, जिससे उस राज्य में बाढ़ पीड़ितों को वे सभी रियायतें और राहत मिल गईं, जो मिलनी चाहिए थीं, लेकिन बंगाल सरकार द्वारा आपदा घोषित नहीं किए जाने के बावजूद सभी सुविधाएं दी। जनता की शिकायत है कि बंगाल राज्य में तीस्ता बाढ़ पीड़ितों को उचित रियायतें, राहत और सुविधाएं नहीं मिलीं, जो उन्हें मिलनी चाहिए थीं? इस सवाल के जवाब में जीटीए प्रमुख थापा ने आश्वासन दिया कि तीस्ता पीड़ितों को वे सभी सुविधाएं और राहतें मिली हैं जो उन्हें मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि पीड़ितों के बैंक खाते में 75,000 रुपये जमा कर दिए गए हैं, राज्य सरकार ने पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए जमीन की तलाश करने के लिए कलिंपोंग जिला मजिस्ट्रेट को जिम्मेदारी सौंपी है। जहां जमीन मिली है वहां बाढ़ पीड़ित वहां पुनर्वास लेने से इनकार कर रहे हैं।
थापा ने बताया कि बाढ़ पीड़ित तीस्ता के आसपास ही जमीन तलाशने की मांग कर रहे हैं। थापा ने कहा कि इसी तरह एनएचपीसी तीस्ता बाढ़ पीड़ितों के लिए घर बनाने के लिए 8 लाख से 12 लाख रुपये का बजट देने की तैयारी कर रही है और इसके लिए सर्वेक्षण का काम भी किया जा चुका है। थापा ने आरोप लगाया कि कुछ मीडिया गलत प्रचार करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
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