रनिंग कचरा संग्रहण अभियान आदत के रूप में ले रहा विस्तार

मेरा दार्जिलिंग से गंदगी को लेकर जागरूक हो रहे लोग

दार्जिलिंग : मेरा दार्जिलिंग अभियान के अंतर्गत शुरू किया गया प्लगिंग या रनिंग कचरा संग्रहण अभियान दार्जिलिंग में एक स्थायी और साप्ताहिक आदत के रूप में विस्तार ले रहा है। इस अभियान ने न केवल कचरा प्रबंधन, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक उत्तरदायित्व का भी जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया है। ‘शिकायत नहीं, प्रतिबद्धता’ के नारे के साथ शुरू हुए इस अभियान में जनता और जनप्रतिनिधि दोनों स्तरों पर दिख रही सक्रियता अब इस अभियान को सामान्य गतिविधियों से ऊपर उठाकर ‘जन आंदोलन’ का रूप दे रही है। आज, रविवार को दार्जिलिंग नगर पालिका (दानपा) के अंतर्गत विभिन्न वार्डों में आयोजित प्लगिंग स्वच्छता कार्यक्रम में आम जनता और स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

वार्ड क्रमांक 17 के पार्षद गणेश सार्की, वार्ड क्रमांक 18 के नितेश गुरुंग और वार्ड क्रमांक 26 के मुकुंद बराइली ने सड़कों पर उतरकर लोगों के साथ कचरा संग्रहण में भाग लिया और यह संदेश दिया कि नेतृत्व अब केवल कार्यालय तक सीमित नहीं है। यह अभियान न केवल दानपा के आंतरिक क्षेत्रों में, बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी फल-फूल रहा है। सुकेपोखरी स्थित ‘सुके रनर्स’ समूह ने माझीधुरा मैदान में दूसरा प्लगिंग सत्र आयोजित कर युवाओं को दौड़ते हुए कचरा उठाने के लिए प्रेरित किया।

इसी तरह, ‘यूथ ऑफ टूरिज्म’ और ‘हिलदारी ग्रुप’ ने ‘देखो दार्जिलिंग’ के सहयोग से घूम से दार्जिलिंग तक प्लगिंग रन का आयोजन किया, जिसमें स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस तरह की परियोजनाओं ने प्राकृतिक सौंदर्य के संरक्षण में सामूहिक प्रयासों के महत्व को उजागर किया है। 19 सितंबर को आयोजित होने वाले ‘यूथ फेस्ट – वीमेन प्लगिंग रन’ अभियान से और अधिक ऊर्जा मिलने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि ‘स्वस्थ महिला, स्वच्छ भविष्य’ के नारे के साथ यह दौड़ महिला सशक्तिकरण और सक्रियता की एक मिसाल कायम करेगी।

अभियान के नेता और विकरन फाउंडेशन के संस्थापक बिक्रम राई ने कहा, प्लगिंग अब केवल कचरा उठाने का काम नहीं रह गया है, बल्कि अपने शहर से प्यार करने का एहसास है। जब हम बांस के चिमटे और इको-बैग लेकर दौड़ते हैं, तो हम दार्जिलिंग की स्वच्छता और सुंदरता के सपने के साथ भविष्य की ओर दौड़ रहे होते हैं।

गौरतलब है कि पिछले महीने दार्जिलिंग को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने के मुख्य उद्देश्य से ‘अब हमारा नहीं, मेरा’ की भावना के साथ शुरू किया गया ‘मेरा दार्जिलिंग अभियान’ न केवल नगरपालिका बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक रूप से लोकप्रिय हो रहा है और ऐसा लगता है कि यह जल्द ही एक जन आंदोलन का रूप ले लेगा।

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