दार्जिलिंग । दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रार्थी एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने आज कहा कि वे 2029 के बाद राजनीति से संन्यास ले लेंगे, लेकिन उससे पहले 2026 तक पहाड़ के 11 समुदायों को जनजातीय दर्जा प्रदान करने संबंधी बिल संसद में जरूर पेश करेंगे।
आज दार्जिलिंग में युनाइटेड इंडीजिनस गोरखा कम्युनिटी फोरम द्वारा डॉ बीआर अंबेडकर की 133वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए बिष्ट ने कहा, मेरा राजनीतिक जीवन 2024 से 2029 तक रहेगा और फिर मैं राजनीति से दूर रहूंगा। उससे पहले मैं पहाड़ के 11 समुदायों का बिल संसद में पेश करूंगा। यह मेरी गारंटी है।
पत्रकारों के साथ बातचीत में राजू बिष्ट ने भाजपा द्वारा आज जारी संकल्प पत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस बार पार्टी ने संकल्प पत्र में मांगों से जुड़े किसी मुद्दे का जिक्र नहीं है, बल्कि इसे विकसित भारत के लक्ष्य के साथ तैयार किया गया है। उनके अनुसार, दार्जिलिंग पहाड़ के साथ देश के अन्य किसी क्षेत्र की मांग संकल्प पत्र में शामिल नहीं करने का मतलब यह नहीं है कि अब कुछ नहीं होगा।
उन्होंने कहा, पिछले दिनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलीगुड़ी की जन सभा में साफ कहा है कि हम गोरखाओं की समस्या के समाधान के करीब पहुंच गए हैं। संकल्प पत्र में उल्लेख न होने से चिंता मत कीजिये, मैं आपको जिम्मेदारी और गारंटी के साथ बता रहा हूं कि अगले पांच सालों में भारतीय संविधान के अनुरूप जाति का मुद्दा भी होगा और पीपीएस भी होगा। इस प्रकार की गारंटी देने की हिम्मत यदि किसी में है तो देकर दिखाए।
वहीं, विपक्षियों खास कर भागोप्रमो द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में बिष्ट ने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेता भाजपा को बदनाम करने का कोई भी मौका नहीं गंवाना चाहते हैं, लेकिन वे भाजपा को कितना भी बदनाम करने की कोशिश करें, उसमें सफल नहीं होंगे। उन्होंने दोहराते हुए कहा कि इस बार भाजपा का संकल्प पत्र विकसित भारत को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है और इसमें 2047 के लक्ष्य के साथ युवा, महिला, किसान जैसे मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद स्थायी राजनीतिक समाधान के मुद्दे पर एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें राजनीतिक दलों के नेता और संविधानवाद के साथ विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।
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