दार्जिलिंग : नेपाली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के इतिहास को याद करते हुए, दार्जिलिंग के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता Raju Bista ने भाषा संवैधानिक मान्यता दिवस के अवसर पर पूरे भारत के गोरखा समुदाय को शुभकामनाएं दी हैं।
बिष्ट ने अपने संदेश में कहा, भाषा हमारा जीवन है, भाषा बचेगी तो राष्ट्र बचेगा। उन्होंने 1992 में प्राप्त संवैधानिक मान्यता को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और इसमें योगदान देने वाले लेखकों, बुद्धिजीवियों, संस्कृतिकर्मियों, राजनेताओं और विशेष रूप से भाषा आंदोलन के सेनानियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
सांसद बिष्ट ने कहा, मैं उन दिग्गज सेनानियों को नमन करता हूं जिन्होंने हमारी मातृभाषा नेपाली को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष किया और पीढ़ियों तक बलिदान दिया। आज हमारी ज़िम्मेदारी इस मान्यता को बनाए रखना और भाषा की समृद्धि व विस्तार में योगदान देना है।
उन्होंने कहा कि भाषा को संविधान की मान्यता मिलने के तीन दशक से भी ज़्यादा समय बाद भी, नेपाली भाषा के प्रति पूर्वाग्रह कभी-कभी दिखाई देता है। उन्होंने सिक्किम और दार्जिलिंग में मातृभाषा और पहचान पर हमले के हालिया प्रयासों को आपत्तिजनक और निंदनीय बताया। सांसद बिष्ट ने ज़ोर देकर कहा, हमारी भाषा हमारा अस्तित्व है, हमारी पहचान है। आज की पीढ़ी को इसे और अधिक प्रभावशाली और व्यापक बनाने का दृढ़ संकल्प लेना चाहिए।
अंत में, उन्होंने पूरे भारत में नेपाली भाषी गोरखा समुदाय के बीच भाषा के प्रति एकता और स्वाभिमान को मज़बूत करने का आह्वान किया।
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