दार्जिलिंग : SIR को किसी का बाप नहीं रोकेगा। बेहद कड़े और चुनौतीपूर्ण शब्दों में यह बयान दार्जिलिंग के सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट ने दिया है।
सांसद राजू बिष्ट (Raju Bista) आज पार्टी की संगठनात्मक बैठक में हिस्सा लेने दार्जिलिंग आए थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे स्पष्ट होने का जिक्र करते हुए कहा, बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे सेमीफाइनल हैं, फाइनल तो 2026 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव हैं।
एसआईआर के मौजूदा गरमागरम मुद्दे पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा, यह भाजपा का एजेंडा या कार्यक्रम नहीं है। यह भारत सरकार का कार्यक्रम या प्रक्रिया नहीं है। यह पूरी तरह से चुनाव आयोग की प्रक्रिया है, एसआईआर चुनाव आयोग द्वारा की जाने वाली एक प्रक्रिया है। एसआईआर को लेकर राज्य में आ रही विभिन्न प्रतिक्रियाओं और टिप्पणियों की तर्ज पर ही उन्होंने चुनौतीपूर्ण शब्दों में जवाब दिया, एसआईआर को किसी का बाप नहीं रोकेगा। इसलिए किसी को भी, भारत सरकार को, चुनाव आयोग को या भाजपा को, गाली देने से बेहतर है कि आप अपने बूथ पर ‘हेल्प डेस्क’ खोलकर लोगों की मदद करें। 2002 की मतदाता सूची के अनुसार आम लोगों को फॉर्म भरने में मदद करना उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी। यह कहते हुए उन्होंने अपनी पार्टी के सभी सदस्यों और कार्यकर्ताओं से फॉर्म भरने में मदद करने के काम में शामिल होने का आह्वान किया।
‘पिछले महीने आई बाढ़ ने कई परिवारों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई परिवार बेघर हो गए हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार से किस तरह की मदद मिली है?’ सवाल के जवाब में दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पांच साल के लिए 5,000 करोड़ रुपये दिए हैं। मैंने इसका प्रमाण भी सार्वजनिक किया है। बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को दो लाख रुपये और प्रधानमंत्री राहत कोष से घायलों के लिए पचास हजार रुपये आवंटित किए गए हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय ने ज़िला मजिस्ट्रेट कार्यालय को पत्र लिखा है, लेकिन डीएम कार्यालय ने अभी तक वितरित सूची नहीं सौंपी है। कुछ दिन पहले ही मैंने नवनियुक्त ज़िला मजिस्ट्रेट को एक आवेदन दिया था। अब मैं दो-चार दिन इंतज़ार करूंगा, लेकिन अगर इस दौरान मुझे कुछ नहीं मिला, तो मैं सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सूची प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंप दूंगा।
गौरतलब है कि उनके इस बयान का आशय यह था कि केंद्र से मिली राहत राशि अभी तक प्रभावित समूहों में ठीक से वितरित नहीं की गई है और इसके लिए उनका आशय यह था कि अगर उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो वे इसी तरह प्रक्रिया जारी रखेंगे।
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