दार्जिलिंग : दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजू बिष्ट ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की और उन्हें दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में विभिन्न जल जीवन मिशन-हर घर जल परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी दी तथा इन आरोपों की जल्द से जल्द एक केंद्रीय टीम द्वारा जांच कराने का अनुरोध किया।
सांसद ने मंत्री को बताया कि इस क्षेत्र में जल जीवन मिशन परियोजनाओं का प्रबंधन एक अलग पीएचई डिवीजन, नेओरखोला डब्ल्यू/एस और एमटीसी डिवीजन, पश्चिम बंगाल सरकार और गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन द्वारा किया जाता है। हालांकि, कार्यान्वयन के दौरान कई मुद्दे सामने आए हैं। अधिकांश हर घर जल विस्तृत परियोजना रिपोर्टों (डीपीआर) में जल स्रोतों की पहचान के लिए प्रावधान नहीं हैं, इनमें केवल पाइप बिछाने और टैंक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है तथा यह नहीं बताया गया है कि इन टैंकों तक पानी कैसे पहुंचेगा, जिससे परियोजना की व्यवहार्यता कम हो रही है।
उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर पानी के गलत स्रोत की पहचान की गई है, जिसके कारण परियोजनाएं अधूरी रह गई हैं। ठेकेदार टिकाऊ जीआई या स्टील पाइपों के स्थान पर सस्ते प्लास्टिक पाइपों का उपयोग कर रहे हैं तथा कई पाइपों को खराब तरीके से बिछाया गया है, जिससे विशेष रूप से मानसून के दौरान खतरा पैदा हो रहा है। मौजूदा टैंकों को, जिनमें से कुछ ब्रिटिश काल के हैं, गलत तरीके से नया बताकर पेश किया जा रहा है, जबकि नए टैंक घटिया सामग्री से बनाए जा रहे हैं।
सांसद ने मंत्री को यह भी बताया कि दार्जिलिंग और कालिम्पोंग के पहाड़ी इलाकों में भारी वर्षा और लगातार भूस्खलन के कारण उच्चतम इंजीनियरिंग मानकों की आवश्यकता है। दुर्भाग्यवश, वर्तमान परियोजनाएं इन मानकों को पूरा नहीं करतीं, जिससे आगे भूस्खलन का खतरा बना रहेगा। इन समस्याओं के अतिरिक्त, पश्चिम बंगाल वन विभाग की मंजूरी के अभाव के कारण भी पहाड़ी क्षेत्रों में कई स्थानों पर परियोजना पूरी होने में देरी हो रही है। टीएमसी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर्याप्त निगरानी प्रणाली स्थापित करने में विफल रही है, जिसके कारण अनियमितताएं और जवाबदेही की कमी हुई है।
सांसद ने स्वयं निर्वाचन क्षेत्र के कई क्षेत्रों का दौरा किया है और वहां किए जा रहे कार्यों की घटिया गुणवत्ता देखी है। इसके अतिरिक्त, मुझे नागरिकों से इन परियोजनाओं के खराब क्रियान्वयन पर प्रकाश डालने वाली अनेक शिकायतें, साथ ही समर्थन में चित्र और वीडियो भी प्राप्त हुए हैं।
मंत्री ने कहा कि मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों की जांच के लिए एक केंद्रीय टीम भेजी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब स्थायी, नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करना आवश्यक होगा। सरकार ने देश भर में जल जीवन मिशन परियोजनाओं के लिए 67,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिन्हें तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, और इस पहल के माध्यम से दार्जिलिंग पहाड़ियों, तराई और डुआर्स के प्रत्येक घर को भी जोड़ा जाएगा।
सांसद ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि माननीय मंत्री जी इन मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल एवं प्रभावी कदम उठाएंगे। दार्जिलिंग के लोग इससे बेहतर के हकदार हैं और यह जरूरी है कि इस महत्वपूर्ण पहल को ईमानदारी और जवाबदेही के साथ क्रियान्वित किया जाए।
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