दार्जिलिंग । गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (गोरामुमो) अध्यक्ष मन घीसिंग ने पार्टी के काला झंडा अभियान में तेजी लाने के लिए आज मंगपू में एक बैठक की। इसमें दार्जिलिंग, कार्सियांग, कालिम्पोंग और मिरिक के प्रतिनिधि उपस्थित थे। पार्टी सूत्र ने बताया कि बैठक में केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बड़े पैमाने पर काले झंडे लगाए जाने को लेकर चर्चा हुई।
बैठक के बाद पार्टी नेता वाई लामा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, भारत सरकार को यह संदेश देने के लिए कि गोरखा खुश नहीं हैं और भावी रणनीति तय करने हेतु आज मंगपू में अध्यक्ष मन घीसिंग की मौजूदगी में बैठक हुई है। गोरखाओं को न्याय देने में भारत सरकार की देरी के कारण हमने एक बौद्धिक आंदोलन शुरू किया है। गोरखाओं ने अपनी भूमिका निभाई है। मन घीसिंग ने चुनाव से पहले ही गोरखाओं की सारी समस्याओं को सही जगह पर रख दिया है। केंद्र में सरकार तो बन गयी लेकिन अब काम में देरी हो रही है। ऐसे में, अब केंद्र सरकार को स्थायी राजनीतिक समाधान के माध्यम से गोरखाओं को किस प्रकार का न्याय मिलेगा इसका खुलासा करना चाहिए।
लामा ने आगे कहा कि पार्टी अध्यक्ष मन घीसिंग ने पार्टी के झंडे को किनारे कर एक स्वाभिमानी गोरखा के रूप में कार्य करने का निर्णय लिया है। ऐसे में, अन्य सभी कार्यकर्ताओं को उनके मार्गदर्शन में आगे आना चाहिए। उन्होंने सभी से एकजुट होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, वर्तमान में पहाड़ में लोग विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं, लेकिन उन सभी समस्याओं का एकमात्र समाधान केवल गोरखाओं के लिए एक राजनीतिक संवैधानिक समाधान बनाना है। हालांकि, इसके लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, अशांति पैदा करने के लिए नहीं, बल्कि भारत सरकार को यह संदेश देने के लिए कि गोरखा गणतांत्रिक तरीके से खुश नहीं हैं, आगामी दिनों में और तेज गति से लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन किया जाएगा।
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