दार्जिलिंग : दार्जिलिंग के लेबोंग बादामताम चाय बागान का एक युवक ग्यालपो छिरिंग तमांग वर्तमान में सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एनबीएमसीएच) में एमबीबीएस के तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहा है।
चाय बागानों की हरियाली से आगे बढ़कर मेडिकल शिक्षा के कठिन और सम्मानजनक सफर पर निकलना न केवल उनके लिए बल्कि पूरी घाटी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है। ग्यालपो तमांग की पृष्ठभूमि एक साधारण, सीमित आय वाले परिवार से शुरू हुई। डॉक्टर बनने का सपना सिर्फ उनकी व्यक्तिगत इच्छा नहीं थी, बल्कि यह उनके समुदाय की साझा आकांक्षा थी, जहां पहले कभी किसी ने ऐसा रास्ता नहीं चुना था। वह संभवतः लेबोंग घाटी से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले पहले व्यक्ति हैं।
हाल ही में ग्यालपो ने अध्ययन के लिए आवश्यक टैबलेट की सहायता हेतु विधायक नीरज जिम्बा के कार्यालय से संपर्क किया था। इसके बाद विधायक जिम्बा ने न केवल उन्हें एक टैबलेट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया, बल्कि पूरे पाठ्यक्रम अवधि के लिए मासिक छात्रवृत्ति भी सुनिश्चित की।
विधायक जिम्बा ने कहा, यह सिर्फ उपकरण उपलब्ध कराने की बात नहीं है, यह हमारे पहाड़ों की छिपी प्रतिभाओं को उचित अवसर देने की मेरी प्रतिबद्धता का उदाहरण है। विधायक जिम्बा ने ग्याल्पो को ईमानदारी और उत्कृष्टता-केंद्रित अध्ययन के मार्ग पर दृढ़ रहने के लिए प्रेरित किया, और वचन दिया कि वे शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास रखते हुए ग्याल्पो जैसे छात्रों को समर्थन देने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे।
विधायक जिम्बा ने कहा कि ग्यालपो छिरिग की कहानी सिर्फ संघर्ष की नहीं है, यह संभावना की कहानी है। एक संभावना, जो उचित समर्थन और अवसर के साथ वास्तविकता बन सकती है। विधायक जिम्बा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, यदि उनकी यात्रा किसी अन्य छात्र को सपने देखने के लिए प्रेरित करती है, तो यह सामाजिक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ के युवाओं में भी क्षमता है और वे कुछ कर सकते हैं। उन्होंने युवाओं को प्रगति के पथ पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया।
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