दार्जिलिंग : दार्जिलिंग क्षेत्र के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से 15 अप्रैल को सिलीगुड़ी में ‘नूर-ए-मुजस्सम’ नामक संगठन को रैली आयोजित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा दी गई अनुमति को तुरंत रद्द करने का आग्रह किया है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में सांसद बिष्ट ने कहा कि यह अनुरोध ‘वक्फ संशोधन अधिनियम’ के विरोध में रैलियों के दौरान हिंसा देखे जाने के बाद किया गया है। विज्ञप्ति में बिष्ट ने कहा, नूर-ए-मुजस्सम ने 15 अप्रैल को सिलीगुड़ी में इसी तरह की विरोध रैली का आह्वान किया है, जो हिंसक हो सकती है। मुझे विश्वसनीय जानकारी मिली है कि इस आयोजन में भाग लेने के लिए बंगाल के बाहर से हजारों लोगों को जुटाया गया है। इसके अलावा, नूर-ए-मुजस्सम नामक इस समूह का हमारे क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव भड़काने का इतिहास रहा है। 15 सितंबर, 2024 को आयोजित पिछली रैली में, इसके सदस्यों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था और देश विरोधी टिप्पणी की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी अपमानजनक बयान दिए थे और जिहाद को बढ़ावा दिया था।
भाजपा सांसद ने यह भी बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार, दार्जिलिंग जिले में मुसलमानों की आबादी केवल 5 प्रतिशत है तथा इस क्षेत्र के मूल मुसलमान उदारवादी और शांतिप्रिय हैं। ‘वक्फ संशोधन अधिनियम’ का स्थानीय स्तर पर कोई स्वाभाविक विरोध सामने नहीं आया है। हम अब जो देख रहे हैं वह बाहरी लोगों द्वारा संवेदनशील चिकन नेक क्षेत्र में अशांति पैदा करने का एक संगठित प्रयास है।
सांसद बिष्ट ने आगे कहा कि मुर्शिदाबाद जिला के शमशेरगंज धुलियान में हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की भीषण तरीके से की गई हत्या ने अनियंत्रित कट्टरपंथ से उत्पन्न खतरों को उजागर कर दिया है। उन्होंने हिंसा की हालिया प्रवृत्ति तथा आगामी रैली से उत्पन्न संभावित खतरे को देखते हुए शीघ्र कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसलिए, उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तीन तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया है। इनमें नूर-ए-मुजस्सम को सिलीगुड़ी में विरोध प्रदर्शन करने की दी गई अनुमति तुरंत वापस लेना, किसी भी योजनाबद्ध व्यवधान या हिंसा को रोकने के लिए सिलीगुड़ी और चिकन नेक कॉरिडोर में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करना और आम नागरिकों को आश्वस्त करने हेतु जोखिम भरे क्षेत्रों में फ्लैग मार्च करने के लिए प्रशासन को तुरंत निर्देश देना शामिल हैं।
सांसद बिष्ट ने कहा कि सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग हिल्स, तराई, डुआर्स और शेष उत्तर बंगाल के लोग रैली को दी गई अनुमति से बेहद चिंतित हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सार्वजनिक शांति और राष्ट्रीय अखंडता के लिए आवश्यक कदम उठाएंगी।
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