दार्जिलिंग : गोरखाओं के लिए न्याय सिर्फ चुनावी ‘जुमला’ नहीं होना चाहिए। यह बात गोरखा जनमुक्ति युवा मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष नोमान राई ने कही। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने यह मंशा जाहिर की कि पिछले कई सालों से भाजपा गोरखाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रस्ताव पेश कर वोट मांगती रही है।
आज दार्जिलिंग के सिंहमारी स्थित गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के मुख्यालय में आयोजित जीजेवाईएम (युवा मोर्चा) की बैठक के बाद जीजेवाईएम (युवा मोर्चा) के अध्यक्ष नोमान राई ने पत्रकारों के समक्ष यह बयान दिया। आज की बैठक में उनके साथ युवा मोर्चा के केंद्रीय कैडर व सोम तकभर समष्टि के सदस्य सूरज राय, दार्जिलिंग सदर उपजिला सचिव सचिन ठकुरी, कालिम्पोंग जिला कमेटी सचिव बालकृष्ण थापा, कार्सियांग से सचिव विकास खवास, मिरिक से योगेश गोले समेत युवा मोर्चा के अन्य केंद्रीय पदाधिकारी मौजूद थे।
बैठक के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में गोजयुमो अध्यक्ष राई ने बताया कि गोरखा समुदाय को न्याय दिलाने का मुद्दा कई वर्षों से खासकर चुनाव के दौरान उठाया जाता रहा है, लेकिन गोरखा समुदाय को आज तक न्याय नहीं मिला है। उन्होंने कहा, बैठक में इस बात पर गहन चर्चा हुई कि गोरखा समुदाय को न्याय दिलाने का मुद्दा चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान सिर्फ ‘चुनावी एजेंडा’ न बनकर रह जाए।
उन्होंने बताया कि युवा मोर्चा की टीम जल्द ही गोरखा समुदाय के मुद्दे को लेकर प्रदेश भाजपा नेता डॉ सुकांत मजूमदार व शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात करेगी, जिसके बाद युवा मोर्चा की टीम दिल्ली जाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह केंद्रीय समिति प्रदेश भाजपा नेताओं से मुलाकात की तिथि तय करेगी। राई ने कहा, प्रदेश भाजपा के नेताओं के साथ बैठक के बाद युवा मोर्चा दिल्ली जाएगा।
उन्होंने कहा कि हालांकि जीजेवाईएम गोरखाओं के जातीय मुद्दे पर काम कर रहा है, लेकिन युवा मोर्चा ने उस मुद्दे के साथ-साथ गोरखाओं के लिए न्याय के मुद्दे पर भी अपने तरीके से काम करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, भारतीय जनता पार्टी कई वर्षों से गोरखाओं को न्याय दिलाने की बात करती रही है, लेकिन गोरखाओं को आज तक न्याय नहीं मिला है। हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि गोरखा मुद्दे सिर्फ चुनावी एजेंडा बनकर न रह जाए।
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