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अगर सत्ता में बैठे लोग काम करते तो लोग हमारे पास शिकायत के लिए नहीं आते : रबगे राई

दार्जिलिंग : अगर सरकार में बैठे लोगों ने अपना काम ईमानदारी से किया होता तो लोग हमारे पास शिकायत करने नहीं आते। हाम्रो पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष रबगे राई ने जीटीए के मुख्य कार्यकारी अनित थापा पर कटाक्ष करते हुए यह राय व्यक्त की है।

पिछले वर्ष स्थानीय आर्य चाय बागान में सड़क निर्माण कार्य के शिलान्यास समारोह में जीटीए प्रमुख अनित थापा ने हाम्रो पार्टी अध्यक्ष अजय एडवर्ड्स का नाम नहीं लिया था और उन पर कई तरह के आरोप लगाये थे। इसके जवाब में रबगे राई ने कहा कि जीटीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनित थापा क्या कहना चाहते थे, वह स्पष्ट नहीं था और उनके चेहरे पर निराशा साफ दिख रही थी। हाम्रो पार्टी और हाम्रो पार्टी अध्यक्ष अजय एडवर्ड्स द्वारा किये जा रहे जन कल्याण कार्य जीटीए प्रमुख अनित थापा के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल के लिए भी आंख की किरकिरी बन गए हैं। पहाड़ की सत्ताधारी पार्टी और जीटीए ने विकास के नाम पर हजारों नारियल तोड़े हैं, लेकिन शायद ही कोई विकास कार्य कर पाया हो। लेकिन दुःख की बात यह है कि यह भी अधूरा और अपर्याप्त है। जब ऐसा करने वाला कोई व्यक्ति सड़क का शिलान्यास कर रहा हो तो हमारी पार्टी और पार्टी अध्यक्ष अजय एडवर्ड्स पर उंगली उठाना कहां तक सही है?

उन्‍होंने कहा कि हाम्रो पार्टी के अध्यक्ष अजय एडवर्ड्स द्वारा किये जा रहे विकास कार्य जनता के हित में हैं। किसी को दिखावा करना उनका उद्देश्य कभी नहीं होता। जीटीए चीफ अनित थापा खुद फिर से कह रहे थे कि विपक्ष को जो काम करना चाहिए वो विपक्ष को करना चाहिए और जो काम विपक्ष को करना चाहिए वो हाम्रो पार्टी भी कर रही है। हम लोगों की शिकायतें सुनकर जनहित के कार्य कर रहे हैं, जहां भी सत्ता पक्ष उपेक्षा कर रहा है और वहां लोगों ने हमसे शिकायत की है, हमने जनहित के कार्य किये हैं। लेकिन दुर्भाग्य से, उनकी बातचीत से यह स्पष्ट है कि जीटीए प्रमुख को उन समस्याओं को हल करने में समस्या है जिनका सामना हमारे बच्चे और लोग कर रहे हैं।

उन्होंने पहले कहा था-हाम्रो पार्टी ने बलुवाबास नदी पर पुल बनाया, पुल निर्माण का विजन हाम्रो पार्टी अध्यक्ष अजय एडवर्ड्स का था। लेकिन उस पुल के निर्माण में उस क्षेत्र के सभी लोगों ने समर्थन का हाथ बढ़ाया, लेकिन यह भी देखा गया कि आपत्तियां भी आईं। जीटीए चीफ अनित थापा ने अपने भाषण में यह सवाल भी उठाया कि अगर कुछ महीने पहले हुई भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में पुल पर चल रहे लोग बह जाते तो कौन जिम्मेदार होता। लेकिन उस भूस्खलन से बलुवाबास पुल को केवल मामूली क्षति हुई, जिसका जीर्णोद्धार कार्य भी पूरा हो चुका है। अब सिर्फ पुल का रंग-रोगन करना बाकी है। अगर जीटीए ने उसी तरह का पुल बनाया होता और चला भी जाता तो पुल का नामोनिशान नहीं रहता, ये सच है। जीटीए द्वारा किये जाने वाले विकास कार्यों में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी लोग कमीशन खाते हैं।

उन्‍होंने कहा कि अगर पुल की बात करें तो जीटीए ने कुछ महीने पहले घूम जोरबंगलो समुदाय में पुल निर्माण के लिए प्रार्थना की थी, लेकिन आज तक पुल का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। स्थानीय लोगों ने पुल के लिए हमारे पास आवेदन किया है और हम जल्द ही इसका निर्माण करेंगे। इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं। जीटीए ने घूम-जोरबंगलो इलाके में एक पुल का निर्माण किया है, लेकिन उस पुल पर एक भी वाहन नहीं चल सकता है। उन्होंने हमारे द्वारा किए गए काम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि काम करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार में शामिल लोगों ने तीस्ता के बाढ़ पीड़ितों के लिए अब तक कुछ क्यों नहीं किया। जीटीए प्रमुख अनित थापा ने बाढ़ के दिन तीस्ता का दौरा किया और कहा कि जीटीए तीस्ता बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम है। इसके अलावा वे तीस्ता के बाढ़ पीड़ितों की समस्या का समाधान नहीं होने पर कूदने की बात कर रहे थे। लेकिन तीस्ता को बाढ़ से तबाह हुए 13 महीने बीत गये, लेकिन जीटीए की ओर से कुछ नहीं किया गया।

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