दार्जिलिंग । हिमालयन प्लांटेशन वर्कर्स यूनियन (एचपीडब्ल्यूयू) केंद्रीय समिति की बैठक आज गोरामुमो केंद्रीय कार्यालय, दार्जिलिंग में गोरामुमो अध्यक्ष मन घीसिंग की अध्यक्षता में हुई। बैठक में एचपीडब्ल्यूयू, केंद्रीय समिति के अध्यक्ष बीके राई, महासचिव एसके लामा, सचिव धीरज राई और समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे, जबकि गोरामुमो की ओर से पार्टी के महासचिव एनबी छेत्री, प्रवक्ता वाई लामा, दार्जिलिंग शाखा समिति के अध्यक्ष एमजी सुब्बा, कार्सियांग शाखा समिति के सदस्य उपस्थित थे। सचिव युद्ध छेत्री, मिरिक शाखा अध्यक्ष महेंद्र खड़का, भाईचारा संगठनों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हुए।
बैठक में एचपीडब्ल्यूयू द्वारा चाय श्रमिकों के पूजा बोनस को लेकर उठाये गये मुद्दे, श्रमिकों के आंदोलन और अब तक हुई बैठकों की समीक्षा की गयी। एचपीडब्ल्यूयू के अध्यक्ष बीके राई ने वार्ता के दौरान श्रमिकों की 20 प्रतिशत बोनस की मांग और मालिकों के 13 प्रतिशत पर रुख से उत्पन्न समस्याओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा, हालांकि पिछले फरवरी/मार्च में एक समझौते पर पहुंचने की कोशिश की गई थी, लेकिन मालिक ने कई बहाने बनाए और बातचीत को सितंबर तक बढ़ा दिया।
चौथे दौर की वार्ता विफल होने के बाद सरकार ने श्रमिक संघों से बिना किसी त्रिपक्षीय वार्ता के 16 प्रतिशत बोनस लगाने का निर्णय लिया, जिससे श्रमिकों का असंतोष और गहरा गया।
बैठक में श्रमिकों के शेष 4 प्रतिशत बोनस की मांग को लेकर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया, साथ ही एचपीडब्ल्यूयू ने चाय उद्योग के अस्तित्व को बचाने और उनके अधिकारों को बरकरार रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
पार्टी प्रमुख मन घीसिंग के दिशा-निर्देशों में पार्टी के भातृ संगठन भी इसमें अहम भूमिका निभायेंगे। अंत में एचपीडब्ल्यूयू अध्यक्ष बीके राई ने श्रमिकों के हक व अधिकार के लिए पार्टी द्वारा निभायी गयी अहम भूमिका के प्रति आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में भी संघर्ष जारी रखने की प्रतिबद्धता जतायी। यह जानकारी गोरामुमो पार्टी कार्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।
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