दार्जिलिंग । दार्जिलिंग के लॉन्गव्यू चाय बगान की श्रमिक समस्या को लेकर आज सिलीगुड़ी के डागापुर स्थित श्रमिक भवन में बगान प्रबंधन और हिल प्लांटेशन एम्प्लॉइज यूनियन के साथ त्रिपक्षीय बैठक हुई।
बैठक के बाद यूनियन का दावा है कि श्रमिक एकता की मिसाल बन चुका लॉन्गव्यू चाय श्रमिकों का आंदोलन सफलता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस बैठक में बगान श्रमिकों की बकाया राशि, ग्रेच्युटी, दैनिक भत्ता और विभिन्न मुद्दों को लेकर त्रिपक्षीय वार्ता हुई।
यूनियन के सह सचिव सुमेंद्र तमांग ने कहा कि 18 अगस्त से शुरू हुई समस्या के कारण 28 अगस्त को इसी तरह की एक त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी जो बगान मालिक गोबिंद गर्ग की अनुपस्थिति और प्रबंधन प्रतिनिधियों के सकारात्मकता की कमी के कारण विफल हो गई थी। इसके बाद, यूनियन की ओर से मांग की गई कि चाय बागान के मालिक पर श्रमिकों का करीब 17 करोड़ रुपये बकाया है और उन्हें अगली बैठक में शामिल होना होगा।
इसके फलस्वरूप आज हुई वार्ता में लॉन्गव्यू चाय बगान के मालिक गोविंद गर्ग अपने प्रतिनिधियों के साथ शामिल हुए। उनके अलावा इसमें विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। आज की त्रिपक्षीय वार्ता में हिल प्लांटेशन एम्प्लॉइज यूनियन ने मांग की कि इस चाय बगान को सुचारू और निष्पक्ष तरीके से चलाने और श्रमिकों के पीएफ, ग्रेच्युटी और अन्य बकाये का भुगतान किया जाये।
करीब सात घंटे तक चली बातचीत के बाद बगान मालिक ने वित्त वर्ष 2022-23 का पुराना बकाया, पिछले साल का बकाया बोनस, कर्मचारियों की दिहाड़ी, स्टाफ का पूरा वेतन और 74 लाख ग्रेच्युटी का पैसा सितंबर माह के भीतर देने पर सहमति जताई। वहीं, प्रबंधन दिसंबर तक बकाया 1.26 करोड़ रुपये चुकाने पर भी सहमत हुआ है।
इसके अलावा तमांग ने कहा कि, समझौते के अनुसार 58 वर्ष की आयु पार कर चुके श्रमिकों को सेवानिवृत्ति देकर उनकी दैनिक आय से अवैध रूप से 30 रुपये पीएफ की कटौती बंद करने का निर्देश अपर श्रमायुक्त ने जारी किया है। श्रम विभाग पीएफ मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। हालांकि, उन्होंने इसके लिए पीएफ कार्यालय को पहल करने की आवश्यकता बताते हुए अपना हरसंभव सहयोग देने का वादा किया है। उनके अनुसार, इस प्रकार, लॉन्गव्यू चाय बगान मुद्दे पर आठ समझौते हुए हैं, लेकिन मालिक पक्ष ने बार-बार उक्त समझौतों को अमान्य कर दिया है।
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