जीटीए प्रमुख अनित थापा इस तरह के फार्मूले को बनाने में माहिर हैं : नीरज जिम्बा

दार्जिलिंग : भले ही दिल्ली सुभाष घीसिंग को नहीं जानती, लेकिन गोरामुमो पार्टी के महासचिव और दार्जिलिंग के विधायक नीरज जिम्बा ने खुशी जताई है कि उनके लोग अपने नेता को जानते हैं।

गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) ने पहले दागोपाप के पूर्व अध्यक्ष और गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (गोरामुमो) पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय सुभाष घीसिंग की याद में ‘सुभाष घीसिंग स्मृति पुरस्कार’ देने की घोषणा की थी। इसी के तहत कल यानी रविवार को स्थानीय रंगमंच भवन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया और कालिम्पोंग की पूर्व विधायक रेनुलिना सुब्बा को इस तरह का पहला पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए विधायक नीरज जिम्बा ने कहा कि उन्हें इतना भव्य कार्यक्रम देखकर बहुत खुशी हुई और उन्होंने उम्मीद नहीं की थी कि ‘सुभाष घीसिंग स्मृति पुरस्कार समारोह’ इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने समारोह में जीटीए प्रमुख अनित थापा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, जीटीए प्रमुख अनित थापा इस तरह के फार्मूले को बनाने में माहिर हैं। वे राजनीतिक फार्मूले निकालने में बहुत माहिर हैं। दुश्मन द्वारा गिराए गए बम को कैसे नष्ट किया जाए, इसकी रणनीति उनके पास है। यह नहीं कहा जा सकता कि सभी नेता बाघ की तरह दहाड़ते हैं, लेकिन उन्हें समय के अनुसार कैसे कार्य करना है, इसका अच्छा ज्ञान है।

उन्‍होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि जीटीए प्रमुख अनित थापा ने गोरामुमो का फार्मूला हड़प लिया है। जब उन्हें बोलने के लिए केवल पांच मिनट का समय दिया गया, तो जिम्बा ने मजाकिया अंदाज में कहा, जो लोग बोलते हैं, उनके लिए पांच मिनट कम समय होता है। प्रमोशकर भाई को यह बेहतर पता है, हम पांच मिनट में यह नहीं कर सकते।

पिछले साल जीटीए प्रमुख अनित थापा द्वारा ‘सुभाष घीसिंग स्मृति पुरस्कार’ की घोषणा किए जाने की बात याद दिलाते हुए विधायक जिम्बा ने कहा कि उन्होंने उस समय उन्हें बधाई दी थी। हालांकि, पुरस्कार किसे दिया जाएगा, इस बारे में अपने डर को याद करते हुए उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सुभाष घीसिंग के नाम पर दिया जाने वाला पुरस्कार उसे नहीं दिया जाना चाहिए, जो इसका हकदार नहीं है। मैंने इस बारे में जीटीए प्रमुख अनित थापा से फोन पर बात की थी। उस समय उन्होंने कहा था- चिंता मत करो, ऐसे व्यक्ति को सुभाष घीसिंग स्मृति पुरस्कार दिया जाएगा, विरोध की कोई गुंजाइश नहीं होगी। पहला सुभाष घीसिंग स्मृति पुरस्कार श्रीमती रेणुलिना सुब्बा को दिया गया है। मैं अनित थापा के इस निर्णय को सचमुच सलाम करता हूं।

विधायक जिम्बा ने कहा कि जिनके नाम पर पुरस्कार है, जो पुरस्कार प्राप्त कर रहे हैं और जो पुरस्कार दे रहे हैं, उनमें समानता है। गोरामुमो पार्टी के महासचिव और विधायक नीरज जिम्बा ने आगे कहा, मैंने दिवंगत सुभाष घीसिंग को पद्म भूषण पुरस्कार देने के लिए भारत सरकार को पांच बार लिखा, लेकिन पुरस्कार नहीं दिया गया। दिल्ली ने अप्पा सुभाष घीसिंग को मान्यता नहीं दी, लेकिन जब हमारे लोगों ने हमारे नेता को पहचाना, हमारे वंश को पहचाना, तो हमें गर्व है। पहले जो भी हुआ हो, लेकिन अब सुधार हुआ है।

विधायक जिम्बा ने कहा कि भारत का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न है, इस पुरस्कार की शुरुआत प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने की थी, लेकिन पहला भारत रत्न पुरस्कार उन्होंने खुद ही खुद को दिया। उसके बाद गांधी परिवार को लगातार भारत रत्न पुरस्कार मिलता रहा है, भीमराव आंबेडकर और सरदार पटेल को यह पुरस्कार नहीं दिया गया, और देश का संविधान लिखने वाले भीमराव आंबेडकर को भी यह पुरस्कार तब दिया गया, जब केंद्र में जनता दल की सरकार थी, विधायक जिम्बा ने कहा, हालांकि, जीटीए प्रमुख अनित थापा की उदारता देखिए। यह एक अच्छा काम है और सभी को अच्छे काम को अच्छा कहना चाहिए।

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