कार्सियांग : गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (गोरामुमो) कार्सियांग महकमा कमेटी के अध्यक्ष निमा लामा ने एक मुलाकात के दौरान हाल ही में दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में गठित नई राजनैतिक पार्टी इंडियन गोरखा जनशक्ति फ्रंट का जिक्र करते हुए कहा कि नई राजनैतिक पार्टी के गठन से कुछ अफसोस तो हुआ है, परंतु कोई खास बात नहीं है। पेड़ से जब कोई डाल टूट जाती है,तो पुनः डाल पनपने लगती है। वर्ष-2007 से ही गोरामुमो पार्टी जख्म सहती आ रही है। यह गोरामुमो पार्टी को नहीं, बल्कि दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के गोरखा जाति को जख्म देने का कार्य हो रहा है।
उन्होंने नई पार्टी इंडियन गोरखा जनशक्ति फ्रंट को शुभकामना देते हुए कहा कि पहाड़ में राजनीति करना अच्छी बात है,परंतु जाति को फायदा पहुंचानेवाली राजनीति होनी चाहिए,पार्टी को फायदा पहुंचानेवाली नहीं। उन्होंने कहा कि विगत में हुए आंदोलन के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की व्यवस्था से मिलकर छठी अनुसूची की मांग को बिगाड़ने वाले आज अलग राज्य गोरखालैंड का राग अलाप रहे हैं। आज दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के 80 प्रतिशत लोग मौन बैठे हैं। उन्हें राजनीति से कोई सरोकार नहीं है,परंतु 20 प्रतिशत लोग जो झूठ की राजनीति लेकर उथल-पुथल कर रहे हैं व बंगाल सरकार का एजेंट बनकर कार्य कर रहे हैं,ऐसे लोगों से पहाड़ वासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि गोरामुमो पार्टी के सुप्रीमो मन घीसिंग ने गोरखा जाति के हित में इस वर्ष 25 अप्रैल-2025 तक पार्टी के झंडे को अलग रखा है। वे जातीय हित में कार्य कर रहे हैं। वर्ष-2026 के पहले ही गोरखा जाति के लिए कुछ सकारात्मक चीज होने की संभावना जताई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि गोरामुमो के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय सुबास घीसिंग ने कई वर्षों तक नि:स्वार्थ भाव से पहाड़ का संचालन किया,परंतु अंत समय में स्वयं के उपचार के लिए उनके पास पैसे नहीं थी। उसी प्रकार मन घीसिंग का भी हाल है। वे भी अपनी पिता स्वर्गीय सुबास घीसिंग की तरह नि:स्वार्थ भाव से पहाड़ वासियों के हित में कार्य कर रहे हैं। परंतु आजकल नेताओं के पास ना जाने कहां से पैसे आते हैं कि वे अपनी ओर से भी पुल,रास्ते आदि बनाने का कथित कार्य करते हैं।
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