दार्जिलिंग । गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (गोरामुमो) ने यह संदेश देने के लिए आज से पहाड़ी, तराई और दहेज क्षेत्रों में काला झंडा अभियान शुरू किया कि गोरखा खुश नहीं हैं और पहाड़ी, तराई और डुआर्स क्षेत्रों में तत्काल न्याय दिया जाना चाहिए। गोरामुमो सूत्र के अनुसार, इसका विस्तार डुआर्स क्षेत्रों तक भी किया गया है।
गोरामुमो पार्टी ने कहा है कि काला झंडा लगाकर केंद्र सरकार को ‘गोरखाओं को न्याय दो’ का संदेश देने के लिए यह अभियान चलाया गया। गोरमुमो अध्यक्ष मन घीसिंग ने आज डुआर्स पहुंचे और काला झंडा अभियान शुरू किया। मन घीसिंग ने अपनी टीम के साथ बाघपूल में काला झंडा फहराया, उसके बाद मन घीसिंग ने डुआर्स के सामसिंग और जलपाईगढ़ी जिले की सीमा पर काला झंडा फहराकर भारत सरकार को संदेश देना चाहा।
उन्होंने काला झंडा फहराते हुए 2009 में माटी मुक्ति आंदोलन के दौरान सिप्सू में बंगाल पुलिस की गोली से शहीद हुए आंदोलनकारी विक्की लामा, बिमला राई और नीता खवास को सिप्सू स्थित शहीद वेदी पहुंच कर श्रद्धांजलि दी। मन घीसिंग ने वहां पत्रकारों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा, मैंने 27 जुलाई को शहीद दिवस पर कार्सियांग लोंगव्यू के शहीद वेदी से एक घोषणा की थी और आज मैं भारत सरकार को एक संदेश देने के लिए डुआर्स आया हूं कि हम डुआर्स को नहीं भूले हैं। हमने संकल्प पत्र में पहाड़, तराई, सिलीगुड़ी और डुआर्स की जमीन को शामिल करने के कारण ही हमने भाजपा का साथ दिया है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए घीसिंग ने कहा, अब बातचीत शुरू हुई है तो बातचीत का नतीजा भी निकलना चाहिए। पहाड़, मैदान और डुआर्स के लोग खुश नहीं हैं। अलग-अलग रंग के झंडों से हम बंटे हुए नजर आते हैं, इसलिए मेरी अपील है कि हमें एक आवाज में एकजुट होकर भारत सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। आइए हम सब इसे एक बार आजमाएं। भले ही सभी लोग एक मंच पर न आ सकें, फिर भी अपने-अपने क्षेत्रों से भारत सरकार पर दबाव बनाना शुरू करें।
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