दार्जिलिंग । GTA के निर्वाचित सभासद विनय तामंग ने मांग की है कि तीस्ता आपदा को लेकर जल्द से जल्द एक आधिकारिक और प्रशासनिक आपातकालीन बैठक बुलाई जानी चाहिए।
जीटीए के पूर्व चेयरमैन और निर्वाचित सभासद विनय तामंग ने एक वीडियो फुटेज जारी कर तीस्ता नदी के बढ़ते जल स्तर पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने एक आधिकारिक और प्रशासनिक आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की। जारी वीडियो फुटेज में तमांग ने कहा कि अभी बारिश शुरू नहीं हुई है। दार्जिलिंग, कालिंपोंग आदि इलाकों में बारिश नहीं हुई है, लेकिन सिक्किम समेत कई इलाकों में भारी बारिश से जान-माल का नुकसान हुआ है। उधर, तीस्ता नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। आज सुबह ही दार्जिलिंग और कालिंपोंग का संपर्क टूट गया है। तीस्ता नदी के बढ़ते जलस्तर में कई घर डूब रहे हैं। पिछले साल तीस्ता नदी के प्रवाह से कई घर और संपत्ति नष्ट हो गयी थी। उन प्रभावित परिवारों को मुआवजे के नाम पर सरकार से महज 75 हजार रुपये मिले।
तमांग ने कहा कि मौजूदा महंगाई में इतने रुपये से नया घर बनाना संभव नहीं है। उन्होंने पहले कहा था कि पिछले साल पीतीस्ता नदी में आई बाढ़ से कई घर और संपत्ति नष्ट हो गई थी, लेकिन मैंने अपनी तरफ से कुछ सुझाव दिए थे। इसके बावजूद राज्य और केंद्र सरकार के साथ-साथ दार्जिलिंग, कालिंपोंग जिला प्रशासन ने मेरे सुझावों पर ध्यान नहीं दिया। जीटीए के चेयरमैन तमांग ने जारी वीडियो फुटेज में कहा कि उन्हें एहसास हो गया है कि यह और भी भयानक रूप ले सकता है।
उन्होंने कहा कि तीस्ता नदी की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, दार्जिलिंग, कालिंपोंग जिला प्रशासन, जीटीए, एनएचपीसी, रेलवे को तत्काल आपात बैठक बुलानी चाहिए। बैठक में सांसद राजू बिष्ट, पहाड़ के तीनों विधायकों, जीटीए, एनडीआरएफ के निर्वाचित सदस्यों के साथ ही ऐसे मामलों के जानकार विशेषज्ञों को भी बैठक में आमंत्रित किया जाये। आयोजित बैठक में पूर्व अध्यक्ष तमांग ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि तीस्ता आपदा की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए अगली दीर्घकालिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक योजना तैयार की जानी चाहिए।
पूर्व चेयरमैन विनय तमांग ने चेतावनी दी है कि राजनीतिक लाभ के लक्ष्य से काम करने पर तीस्ता की स्थिति भयावह हो जायेगी। पिछले कुछ दिनों में जब राज्य के जलपाईगुड़ी आदि इलाकों में तूफानी हवाएं आयीं, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी और अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी घटनास्थल पर आये, लेकिन पिछले साल जब तीस्ता नदी पर बांध का पानी टूटा था तो सिर्फ अभिषेक बनर्जी और अन्य मंत्री आये।
तमांग ने सवाल उठाया कि आज तीस्ता नदी का जलस्तर फिर से बढ़ गया है और सड़कें व घर डूबने लगे हैं। राज्य सरकार हमारे इलाकों में ऐसी नीति क्यों अपना रही है। तीस्ता की इस स्थिति को देखते हुए इसे आपदा क्षेत्र क्यों नहीं घोषित किया जाता है, बचाव कार्य के लिए क्यों नहीं आ रही एनडीआरएफ की टीम, क्या हम भारत के नागरिक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि तीस्ता के विषय पर गठित समिति में ऐसे लोग होने चाहिए, जिन्हें इस विषय पर जानकारी हो, लेकिन समिति में ज्यादातर सदस्य राजनीति से प्रेरित हैं। पूर्व अध्यक्ष विनय तमांग ने कहा कि जो कमेटी बनी है, उसने अभी तक कुछ नहीं किया है और न ही करने वाली है। उन्होंने कहा कि एक प्रशासनिक कमेटी बनायी जानी चाहिए। कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सांसद, विधायक शामिल हों। इस समिति का गठन कल तक किया जाना चाहिए।
तमांग ने मांग की है कि इसका गठन किया जाना चाहिए, अन्यथा देरी होगी और इसके लिए दार्जिलिंग और कालिपोंग जिले के अधिकारियों को सरकार को लिखना चाहिए। पिछले साल तीस्ता बांध के मुद्दे पर जीटीए और एनएचपीसी के बीच सहमति नहीं बनी थी। पूर्व अध्यक्ष तमांग ने सुझाव दिया है कि जिनका अपना चेहरा होता है वे भूविज्ञानी और अभियानकर्ता होते हैं। उन्हें इन विषयों पर अच्छा ज्ञान होता है, उनसे सलाह लेनी चाहिए और पूछना चाहिए। किसी को भी तीस्ता के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, अगर कोई मदद के लिए आता है तो उसका स्वागत करें।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर बोलना, पानी गीला होने का नाटक करना, कुछ नहीं करना चाहिए, काम नि:स्वार्थ होना चाहिए। प्रशासन को 24 घंटे के अंदर प्रशासनिक बैठक बुलाकर पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर कहां रखा जाए इस पर बात करनी चाहिए। अपने वीडियो फुटेज में निर्वाचित जीटीए सभाएसद और पूर्व चेयरमैन विनय तमांग ने कहा है कि किसी को भी लोगों को धोखा देने के लिए कुछ नहीं करना चाहिए, हम सभी को मिलकर तीस्ता को कैसे बचाना है, इस दिशा में काम करना चाहिए।
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