दार्जिलिंग । GTA के मुख्य कार्यकारी अनित थापा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर जीटीए क्षेत्र में बंद चाय बागानों के श्रमिकों को एकमुश्त राहत भुगतान की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, उन्होंने पत्र में निम्नलिखित मुद्दों को शामिल किया- (1) श्रमिकों की दुर्दशा: उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ चाय बागानों के बंद होने के कारण श्रमिकों को होने वाली गंभीर आर्थिक कठिनाई, गरीबी और खाद्य असुरक्षा पर प्रकाश डाला। (2) ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व: इसके माध्यम से दार्जिलिंग और कालिंपोंग में चाय उद्योग के ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व और श्रमिकों द्वारा राज्य की अर्थव्यवस्था और विरासत में किए गए महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला गया है। (3) एकमुश्त राहत भुगतान की मांग: उन्होंने दार्जिलिंग और कालिंपोंग के श्रमिकों के लिए भी ऐसे वित्तीय राहत पैकेज की मांग की है।
दरअसल, दार्जिलिंग की पहाड़ियों में चाय श्रमिकों की स्थिति चिंताजनक है। जहां बागान खुले हैं, वहां वे अब 20 प्रतिशत बोनस के लिए आंदोलन कर रहे हैं और जहां बागान खुले नहीं हैं, वहां श्रमिक आय के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश में बेचैन हैं। पिछले साल दशईं के दौरान बंद कामन के चाय श्रमिकों को कोविड काल में जीटीए राहत कोष से कुछ राशि सहायता स्वरूप दी गई थी और उनकी दशहरा को चमकाने का काम किया गया था, लेकिन इस बार उनकी स्थिति पर सहानुभूति जताने के अलावा और कुछ नहीं किया जा सका।
हालांकि, जीटीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनित थापा ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर बंद चाय बागानों में चाय श्रमिकों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है, जिसमें तत्काल प्रतिक्रिया और समस्या के तत्काल समाधान की मांग की गई है।
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