दार्जिलिंग, 10 अक्टूबर । एनएचपीसी पर पर्यावारण उल्लंघन करने के आरोप की निष्पक्ष जां की मांग करते हुए सभासद अजय एडवाडर्स ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण को पत्र लिखा है।
गत 4 अक्टूबर की सुबह सिक्किम के विभिन्न स्थानों के साथ ही पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और कालिंपोंग जिले में व्यापक क्षति हुई है। घटना की शुरुआत सिक्किम के ल्होनक लेक से हुई। बताया जाता है कि लगातार बारिश से ल्होनक झील का पानी चुंगथांग के तिस्ता बांध तक पहुंचा। जब तक बांध के दरवाजे खोले जाते कुछ ही क्षण में बांध ध्वस्त हो गया।
एडवार्डस ने अपने पत्र में हरित न्यायाधिकारण को कहा है कि एनएचपीसी ने अपनी परियोजना की योजना बनाने की शुरुआत से पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण 1986 कानून का पालन करना अनिवार्य है लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। इन विषयों की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बांध निर्माण कार्य के समय स्थानीय लोगों, एनजीओ, योजनाकर्ता के साथ सत्ता पक्ष के बीच बैठक हुई थी। उस बैठक में स्थानीय लोगां के साथ ही एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने पर्यावरण नुकसान को लेकर अवगत कराया था लेकिन कथित रूप से उस समय सत्ता पक्ष के लोगों ने स्थानीय लोगों को और एनजीओ सदस्यों को धमकी दी थी।
सभासद एडवार्डस ने कहा है कि अब होने वाली बैठकों में इस प्रकार की घटना न हो यह सुनिश्चित की जानी चाहिए। गत दिन आई बाढ़ ने जो क्षति पहुंचाई है उसकी भरपाई की मांग भी अजय ने अपने पत्र में की है।
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