अमिताभ कांत कुंभ मेला, विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक है और यह आस्था, एकता और मानवता के ईश्वर से शाश्वत संबंध का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं में निहित, यह चार पवित्र स्थलों- प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक- पर अमरता का अमृत छलकने का स्मरण दिलाता है। सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों…
राकेश अचल भारत में लोकतंत्र खतरे में हो या न हो लेकिन तमाम विपक्षी दल जरूर खतरे में नजर आ रहे हैं। अनेक क्षेत्रीय दल अब सत्तारूढ़ भाजपा से मोर्चा लेने के बजाय उसकी शरण में जाने के लिए लालायित दिखाई दे रहे हैं। भारत के दो दलीय लोकतंत्र के लिए एक तरह से ये…
सनत जैन डिजिटल युग में, डेटा किसी भी देश का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन ओर खजाना बन गया है। जिस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण आवश्यक है, उसी प्रकार व्यक्तिगत जानकारी, प्राकृतिक जानकारी तथा विभिन्न किस्म का नॉलेज और संवेदनशील डेटा की सुरक्षा और प्राथमिकता तय करना सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। डेटा सुरक्षा कानून लंबे…
डॉ. मनसुख मांडविया भारत अपनी स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष-2047 की ओर आगे बढ़ रहा है, ऐसे में हमारे युवा विकसित भारत के निर्माण के हमारे मिशन में सबसे आगे हैं। बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले एक लाख युवाओं को राजनीति में शामिल करने के माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर, हमने राष्ट्रीय युवा महोत्सव को एक…
गिरिराज सिंह ‘एक देश एक चुनाव’ पर बनी उच्च स्तरीय कमिटी की सिफारिशों को केन्द्रीय केबिनेट ने मंजूर कर लिया है। हमारी सरकार की इच्छा अगले पांच वर्षों में इसे सारे देश में लागू करने की है। यह कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं बल्कि राष्ट्र की महती आवश्यकता है। यह बात कानून एवं कार्मिक मामलों की…
संजय गोस्वामी विश्व हिन्दी दिवस, 10 जनवरी को मनाया जाता है, यह दिन हिन्दी भाषा की बढ़ती वैश्विक पहचान और सम्मान को दर्शाने के लिए समर्पित है। भारत सरकार ने 2006 में इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी, ताकि हिन्दी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिष्ठा मिल…
सनत जैन अमेरिका की तरह अब भारत की राजनीति को पूंजीपति नियंत्रित कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले इंडिया गठबंधन बना।जिसमें देश की सभी विपक्षी पार्टियों शामिल हुई। विशेष रूप से विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय दल इंडिया गठबंधन में शामिल हुए। जब इंडिया गठबंधन बना था,तब यह कयास लगाए जा रहे थे,जल्द ही इंडिया…
लेखक- ललित गर्ग मानव इतिहास की सबसे बड़ी एवं भयावह महामारी कोरोना को झेल चुकी दुनिया पर एक और नये चीनी वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के संक्रमण की खबर ने दुनियाभर को चिंता में डूबो दिया है, बाजार से लेकर सामान्य जन-जीवन तक में डर, खौफ, अफरा-तफरी एवं असमंजस्य का माहौल व्याप्त है। कोविड-19 और…
लेखक – राकेश अचल दुनिया की राजनीति में महिलाएं ही सॉफ्ट टारगेट क्यों होती हैं ? इस यक्ष प्रश्न का उत्तर कोई दे नहीं पाया है ,यहां तक कि खुद महिलाएं भी। महिलाएं नेताओं की बदजुबानी का रोज शिकार बनतीं हैं लेकिन वे इसका प्रतिरोध नहीं कर पातीं क्योंकि महिलाएं भी एकजुट नहीं हैं। उनका…
अश्विनी वैष्णव “जब हम वैश्विक भविष्य के बारे में बात करते हैं, तो मानव-केंद्रित दृष्टिकोण सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए।” हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ये शब्द, लोगों को पहले रखने के भारत के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। इस दर्शन ने डिजिटल व्यक्तिगत…