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इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने की जरूरत : अमिताभ कांत

‘भारत ईवी राष्ट्र बने यह महत्वपूर्ण’

नई दिल्ली, 18 मई । भारत के लिए जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने में तेजी लाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार की पहल और परिवर्तन के साथ-साथ क्षेत्र में निजी कंपनियों के योगदान को भी महत्वपूर्ण माना। बता दें, कांत आज नई दिल्ली में आयोजित वार्षिक बिजनेस समिट- 2024 में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में कई कार्रवाई होगी।

कार्यक्रम के बाद, एक मीडिया एजेंसी को साक्षात्कार देेते हुए अमिताभ ने बताया कि यह बहुत जरूरी है कि हम दोपहिया और तिपहिया वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की गति में तेजी लाएं। सरकार ने पहले ही 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए 57,613 करोड़ रुपये आवंटित कर दिया है। उन्होंने इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और बसों के निर्माण में उछाल की भविष्यवाणी की।

कांत ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मुझे लगता है कि यह अगली बड़ी चीज होगी। बैटरी निर्माण के लिए प्रोडक्शन इंसेंटिव स्कीम की बोली लगाई है। आपको भारत में टाटा से लेकर रिलायंस और मारुति से लेकर एक्साइड तक कई कंपनियां बैटरी बनाती दिखेंगी। उन्होंने कहा कि कई कंपनियां बैटरी निर्माण कर रही हैं। यह विकास अगला बड़ा घटक होगा। कांत ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि 2030 तक भारत दोपहिया, तिपहिया और बसों के मामले में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक हो जाए। हमें सुनश्चित करना आवश्यक है कि भारत एक इलेक्ट्रिक वाहन राष्ट्र बन जाए।

Amitabh Kant ने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन भारत को हरित प्रौद्योगिकी और सतत विकास में अग्रणी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने ईवी उत्पादन में भूमिका निभाने वाली कंपनियों की भी प्रशंसा की। उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को चार पहिया वाहन विनिर्माण करने की नीति भी कम शुल्क दरों के साथ खोली गई है लेकिन वे भारत में निवेश करें। (एजेन्सी)

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