नई दिल्ली (ईएमएस)। स्वदेशी कंपनी महिंद्रा अपनी सबसे चर्चित एसयूवी थार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नहीं बेच सकती। इसका कारण है जीप के साथ चल रहा कानूनी विवाद, जो पिछले 15 सालों से जारी है। महिंद्रा ने 1947 में जीप का लाइसेंस लेकर भारत में इसे बनाना शुरू किया।
1987 में क्रिज्लर ने जीप का अधिग्रहण किया, जिसके बाद महिंद्रा ने जीप के डिजाइन के साथ कई कारों को विकसित किया। 2009 में क्रिज्लर ने महिंद्रा के खिलाफ समझौता किया कि वह 7 ग्रिल डिजाइन वाली कारें नहीं बनाएगी। 2019 में फिएट क्रिज्लर ऑटो ने महिंद्रा पर जीप के डिजाइन की नकल करने का आरोप लगाया। कोर्ट ने महिंद्रा के खिलाफ फैसला सुनाया कि थार जीप रैंगलर के समान है, जिससे महिंद्रा को ऑस्ट्रेलिया में थार की बिक्री स्थगित करनी पड़ी। 2023 में अमेरिकी कोर्ट ने महिंद्रा के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन पाबंदियों के कारण कंपनी अब थार को केवल भारत में ही बेच सकती है। यदि महिंद्रा अन्य देशों में थार की बिक्री करना चाहती है, तो उसे डिजाइन में बदलाव करना होगा।
इस तरह, महिंद्रा की थार अभी भी भारतीय बाजार में लोकप्रिय है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी बिक्री सीमित है। बता दें कि भारतीय बाजार में महिंद्रा अपनी लोकप्रिय एसयूवी जैसे बोलेरो, स्कॉर्पियो और थार के लिए जानी जाती है।
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