नई दिल्ली । केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि देश का पहला इलेक्ट्रॉनिक चिप विनिर्माण संयंत्र सालभर में शुरू हो जाने की उम्मीद है। वैष्णव ने यह भी कहा कि सरकार चार-पांच कंपोनेंट बनाने पर काम कर रही है, जिससे भारत न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा बल्कि दुनियाभर में निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र भी बन सकता है।
सरकार ने देश में वेफर फैब्रिकेशन संयंत्र के साथ सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकोसिस्टम तैयार करने के लिए शुरू में 10 अरब डॉलर का प्रोत्साहन कोष निर्धारित किया है। वेफर फैब्रिकेशन संयंत्र भौतिक चिप्स का पहला बिल्डिंग ब्लॉक है, जिसका उपयोग सभी हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में किया जाता है। वैष्णव ने न्यूज एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, हम कुछ विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सेमीकंडक्टर के लिहाज से दूरसंचार और इलेक्ट्रिक वाहन बड़े क्षेत्र के तौर पर उभरे हैं। इसमें इस्तेमाल होने वाले चिप्स के विनिर्माण पर फोकस करके भी हम वैश्विक अगुआ बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी स्टोरेज चिप विनिर्माता माइक्रोन के भारत में निवेश की सफलता के साथ पूरी दुनिया भारत की क्षमता को लेकर बहुत आश्वस्त हो गई है। माइक्रोन ने गुजरात के साणंद में सेमीकंडक्टर असेंबलिंग संयंत्र का निर्माण पिछले माह ही शुरू किया है। माइक्रोन दो चरणों में संयंत्र स्थापित कर 82.5 करोड़ डॉलर तक का निवेश करेगी और बाकी निवेश केंद्र और राज्य सरकार से आएगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया, माइक्रोन के कलपुर्जा आपूर्तिकर्ता भी राज्य सरकार के साथ मिलकर भूमि चिह्नित करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में हैं। (एजेन्सी)
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