नई दिल्ली। सिटीग्रुप ने तीसरी तिमाही (Q3) में अपने 2,000 एम्प्लॉइज की छंटनी की है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इस छंटनी से कंपनी का साल के लिए टोटल सेवरेंस चार्जेस (बर्खास्तगी की लागत) 650 मिलियन डॉलर यानी 5,413 करोड़ रुपए हो गया है।
सिटीग्रुप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मार्क मेसन ने एनालिस्ट्स के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल पर अर्निंग्स पर चर्चा करते हुए कहा कि कंपनी ने इस साल टोटल 7,000 नौकरियों में कटौती की है। उन्होंने आगे कहा कि जून के अंत में पिछला टोटल सेवरेंस चार्जेस 450 मिलियन डॉलर यानी 3,747 करोड़ रुपए दर्ज किया गया था, जो लगभग 5,000 नौकरियों में कटौती के लिए था।
मेसन ने यह भी बताया कंपनी में कर्मचारियों की संख्या कम होने का कारण रिपोजिशनिंग चार्जेस है। सिटीग्रुप ने पिछले महीने घोषणा की थी कि कंपनी रिस्ट्रक्चरिंग करेगी, जो फर्म को पांच प्रमुख व्यवसायों पर फिर से केंद्रित करेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप ने कहा है कि रिस्ट्रक्चरिंग से नौकरियों में और अधिक कटौती होगी, लेकिन कंपनी ने अभी तक संख्या नहीं बताई है। कटौती के बावजूद कंपनी की 2,40,000 कर्मचारियों की टोटल संख्या पिछली चार तिमाहियों से स्थिर बनी हुई है। कंपनी ने हाल ही में कुछ टेक्नोलॉजी स्टाफ और अन्य कर्मचारियों को जोड़ा है।
तीसरी तिमाही में सिटीग्रुप का खर्च 6 प्रतिशत बढ़कर 13.5 बिलियन डॉलर यानी 1.12 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो एक्सपर्ट्स के अनुमान से कम था। अर्निंग प्रेजेंटेशन के मुताबिक, बैंक अभी भी पूरे साल के लिए टोटल खर्च 54 बिलियन डॉलर यानी 4.49 लाख करोड़ रुपए होने की उम्मीद कर रहा है।
इससे पहले जून में रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि बाजार की खराब कंडीशंस से निपटने के लिए कंपनी अपनी लंदन यूनिट में 30 इन्वेस्टमेंट बैंकिंग जॉब्स और 20 कॉर्पोरेट जॉब्स में कटौती करने का भी प्लान बना रही है।
बाजार की कंडीशंस के हिसाब से ढलने के लिए कॉर्पोरेशन अपना कॉस्ट बेस कम करना चाहता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा ऑर्गेनाइजेशन अपनी इंटरनेशनल टीम को भी खत्म कर रहा है, जो फॉरेन एक्सचेंज मार्केट पर कमेंट्स और एनालिसिस प्रोवाइड करती है। (एजेन्सी)
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