भोजपुर । बिहार के आरा में सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन पहुंचे। जहां उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग को लेकर हो रहे राजनीति पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जनसुराज के सुत्रधार प्रशांत किशोर पर जमकर हमला बोला। इस दौरान शाहनावाज हुसैन ने कहा कि बीपीएससी की जो परीक्षा थी, उसमें एक केंद्र को लेकर विवाद था। जो विवाद अब समाप्त हो गया है, फिर से री-एग्जाम हो गया है और कोई इल्जाम किसी ने नहीं लगाया था। लेकिन प्रशांत किशोर एक नई गाथा अपनी एक लिख रहे थे और कह रहे थे कि डेढ़ करोड़ रेट है, जिसका कोई साक्ष्य नहीं और प्रमाण नहीं है। सिर्फ पब्लिक स्टैंट के लिए यह काम किया।
शाहनवाज ने कहा, वह इवेंट मैनेजर रहे हैं और कई पार्टियों के लिए इवेंट करते रहे। अब वो इवेंट अपने लिए कर रहे हैं। उनको लगा कि जब उपचुनाव हुआ तो चारो जगह उपचुनाव में एक जगह उनको वोट कुछ मिल गया। मुसलमान के नाम पर, एक जगह मिल गया।
पासवान के नाम कंडिडेट को और असली चीज तब हुई, जब उनको 5-5 हजार वोट मिला। चर्चा से गायब हो गए थे, यूट्यूब भी पूछना बंद कर दिया था तो पब्लिसिटी के लिए इवेंट प्लान किया कि छात्रों के आंदोलन में घुसपैठ करते हैं तो छात्रों के आंदोलन में घुस गए। कोई भी छात्रों के साथ नहीं है। प्रशासन ने 42 लोगों को उठाया है, उसमें एक भी बीपीएससी का छात्र नहीं है। यह जो नेता हैं, जो ख्वाब देख रहे हैं कि बिहार की सत्ता में आने का, वह सपने देखने वाले लोग वहां इकट्ठे थे और रात में भी सपना देख रहे थे। सुबह में भी सपना देख रहे थे। लेकिन उपचुनाव में उनके सपने अधूरे रह गए, ख्वाब अधूरा रह गया और अब वह छात्रों के आंदोलन के नाम पर सिर्फ राजनीति में एंट्री का पॉइंट बना रहे हैं।
छात्रों के कंधे पर बैठकर प्रशांत किशोर विधानसभा की राजनीति करना चाहते थे। लेकिन कोई छात्र उनके साथ नहीं, तो प्रशासन ने अपना काम किया है। हम लोग बीजेपी पक्ष में भी थे तब भी, जहां धरना देते हैं प्रदर्शन करते हैं, वहां हम लोग लिख कर देते हैं परमिशन लेते हैं। लेकिन यह एक नया रिवाज राजनीति के गलत पमपम बाबू है ये।
यह बिना बात के बिना परमिशन के बैठ गए जाकर गांधी मैदान में, जितने लोग उनके साथ बैठे थे, उससे ज्यादा तो वहां घूमने वाले बैठते हैं हर रोज, न संख्या न आदमी सिर्फ 42 लोग थे और वो सब ऐसे लोग थे, जो किसी न किसी विधानसभा के अपने आप को उम्मीदवार मानते हैं तो प्रशासन ने उनको वहां से उठाया है और कानून ने अपना काम किया है। उनको कानून को फॉलो करना चाहिए। लेकिन प्रशांत किशोर छात्रों के नाम पर नए इवेंट शुरू नहीं करना चाहिए था, ये उनकी इवेंट मैनेजमेंट के इवेंट का पार्ट है कि वहां बैठेंगे चर्चा में रहेंगे तो अब चर्चा उन्हें मिल गया। अब जाइए वैनिटी वैन में बैठकर।
वही प्रशांत किशोर के साथ भक्ति मुख के सवाल पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इसके बारे में हमें मालूम नहीं है और जब भी धरना प्रदर्शन या कोई प्रोसेशन किया जाता है तो इसकी जानकारी प्रशासन को दी जाती है हम लोग भी आंदोलन के वक्त लाठियां खाई हैं, उसे वक्त हम लोग विपक्ष में थे, जबकि संजय रावत के बयान जिसमें उनके द्वारा कहा गया था कि बीजेपी के संपर्क में जदयू के करीब 10 सांसद हैं उसे सवाल पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि संजय रावत की बोलने की बीमारी है उन्हें ओरल डायरिया है वह ऐसे ही बोलते रहते हैं, उन्हें अपने सांसदों की फिक्र नहीं है और एनडीए के सभी सांसद एक हैं तो सभी एनडीए के सांसद आपस में एक दूसरे के साथ संपर्क में रहते ही हैं।
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