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नीतीश कुमार ने दिया NDA को 220 का टारगेट

पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से कहा कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए 200 से अधिक सीट जीतने का प्रयास करें। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार द्वारा दिए गए ’45 मिनट के भाषण’ की जानकारी मीडिया को देते हुए यह खुलासा किया।

संजय झा ने कहा कि मंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों तक पहुंचने और सरकार द्वारा किए गए अच्छे कामों को बताने का आह्वान किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को याद दिलाया कि राजग ने 2010 में 243 में से 206 सीट जीती थीं और 2025 के लिए 220 का लक्ष्य दिया है। उल्लेखनीय है कि 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने 115 सीट जीती थीं, जबकि भाजपा ने 91 सीट जीती थीं, जो दोनों दलों का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।

संजय झा ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार हाल के लोकसभा चुनावों में राजग के प्रदर्शन से उत्साहित हैं। इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने राज्य की 40 में से 30 सीट हासिल कीं। राज्यसभा सदस्य झा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को बिहार को विशेष वित्तीय दर्जा देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया जिसकी मांग सरकार द्वारा विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं होने की स्थिति में की गई थी।

संजय झा का संबंध बाढ़ प्रभावित मिथिला क्षेत्र से है। वह कई वर्षों तक राज्य मंत्रिमंडल में जल संसाधन विकास मंत्री रहे हैं। उन्होंने हाल ही में नेपाल द्वारा लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जलमग्न हुए क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत कार्यों के लिए अपने राजनीतिक मार्गदर्शक नीतीश कुमार की प्रशंसा की। झा ने कहा कि सामुदायिक रसोई स्थापित की गई है, जहां बाढ़ प्रभावित लोगों को चावल, दाल और सब्जी परोसी जा रही है। यह उन दिनों की तुलना में बहुत बड़ा सुधार है, जब उन्हें गुड़ और चने पर ही संतोष करना पड़ता था।

नीतीश कुमार को भारत रत्न दिये जाने की मांग करते लगे पोस्टर के बारे में पूछे गए सवाल पर संजय झा ने कहा कि मैं इस बारे में नहीं जानता लेकिन अगर हमारे नेता को ऐसा सम्मान दिया जाता है तो यह बिहार के लिए गौरव की बात होगी। यह उन्हीं की देन है कि बिहारी शब्द को अब गाली के रूप में नहीं देखा जाता। उन्हें देखकर हमें इस बात का अंदाजा हो जाता है कि चंद्रगुप्त मौर्य जैसे महान ऐतिहासिक व्यक्ति कैसे रहे होंगे।

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