मैथिली ठाकुर ने किया नामांकन, कहा- नानी घर की सेवा करने का मिला मौका

दरभंगा । दरभंगा की अलीनगर विधानसभा सीट इस बार पूरी तरह से सुर्खियों में है। भाजपा ने इस सीट से चर्चित लोकगायिका मैथिली ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाकर दांव खेला है। शुक्रवार को उन्होंने भव्य रूप से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, जहां उनके साथ दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर और एमएलसी सुनील चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

अलीनगर के वर्तमान विधायक मिश्रीलाल यादव को पार्टी ने इस बार टिकट नहीं दिया। टिकट वितरण में हुए इस बदलाव ने भाजपा संगठन में हलचल मचा दी है। टिकट से वंचित किए जाने के बाद मिश्रीलाल यादव ने एक सप्ताह पहले पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

इस सीट से भाजपा के संजय सिंह और पप्पू सिंह को भी संभावित प्रत्याशी माना जा रहा था। संजय सिंह क्षेत्र में बेहद सक्रिय और लोकप्रिय हैं, जिन्होंने लंबे समय से स्थानीय स्तर पर मजबूत जनसंपर्क बनाया है। लेकिन अंतिम क्षण में पार्टी ने लोकगायिका मैथिली ठाकुर पर भरोसा जताया।

टिकट कटने से नाराज़ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने खुले तौर पर मैथिली ठाकुर के चयन का विरोध किया था। विरोध के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए। सूत्रों के अनुसार, इस स्थिति को देखते हुए संजय सिंह ने गुरुवार देर रात अलीनगर में बैठक बुलाकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का संकेत दिया था।

लेकिन शुक्रवार सुबह खबर आई कि भाजपा नेतृत्व ने तत्काल हस्तक्षेप किया। अमित शाह और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने संजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को पटना बुलाकर वार्ता की। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उन्हें सम्मानजनक जिम्मेदारी देने का आश्वासन मिला, जिसके बाद पप्पू सिंह ने नामांकन नहीं करने का निर्णय लिया। पप्पू सिंह ने मीडिया से कहा, मैं पार्टी के खिलाफ नहीं जाऊंगा। भाजपा के लिए ही काम करूंगा। अब हम सभी मैथिली ठाकुर के समर्थन में चुनाव मैदान में उतरेंगे।

25 साल के मैथिली ठाकुर इस बार बिहार की सबसे कम उम्र की प्रत्याशी बनी हैं। मूल रूप से मधुबनी के बेनीपट्टी की रहने वाली मैथिली का ननिहाल अलीनगर विधानसभा क्षेत्र के हरीनगर गांव में है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए नानी घर की सेवा करने का अवसर है।

नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि प्रधानमंत्री जी और पार्टी ने मुझ पर भरोसा किया। अलीनगर मेरा नानी घर है – यहां के लोग मुझे अपनी भांजी, नतिनी,बेटी और बहन की तरह आशीर्वाद दे रहे हैं। मैं अलीनगर को आदर्श नगर बनाने का संकल्प लेकर चुनाव लड़ रही हूं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री युवाओं और महिलाओं को आगे बढ़ाने का जो प्रयास कर रहे हैं, उसमें मैं एक छोटी सी कड़ी बनना चाहती हूं। विकसित भारत के सपने को साकार करने में अलीनगर का नाम भी चमकेगा।

मैथिली ठाकुर ने अपने पिता रमेश ठाकुर, जो स्वयं लोकसंगीत के प्रसिद्ध कलाकार हैं, से संगीत की शिक्षा ली है। वे “राइजिंग स्टार” जैसे राष्ट्रीय टीवी शो की उपविजेता रह चुकी हैं और मैथिली, भोजपुरी, हिंदी सहित कई भाषाओं में लोकगीतों के माध्यम से बिहार की संस्कृति को देशभर में पहचान दिलाई है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने इस सीट पर लोकप्रियता बनाम स्थानीय समीकरण का जोखिम उठाया है। पार्टी का लक्ष्य युवाओं, महिलाओं और नई पीढ़ी के मतदाताओं को आकर्षित करना है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा का यह लोकप्रिय चेहरा कार्ड अलीनगर में कामयाब होता है या स्थानीय असंतोष पार्टी को नुकसान पहुंचाता है। फिलहाल, मैथिली ठाकुर का नामांकन भाजपा की चुनावी रणनीति में एक सांस्कृतिक और भावनात्मक प्रतीक के रूप में उभरा है, जिसने पूरे दरभंगा की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।

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