जमुई । बिहार में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर है और जहरीली शराब से अब तक 30 से ज्यादा मौतें हुई हैं। कई घरों के लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी खोई है। इतनी बड़ी घटना हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक पीड़ित परिवारों के लिए कोई संवेदना प्रकट नहीं किए हैं। लगता नहीं की कोई घटना हुई। लेकिन कुछ बोले या न बोले, कार्रवाई करें या न करें। मुख्यमंत्री कम से कम संवेदना तो प्रकट करें। उक्त बातें गुरुवार को कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा के क्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जमुई पहुंचने पर कही।
तेजस्वी यादव बुधवार देर शाम दूसरे चरण के तरह कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा पर बांका से जमुई पहुंचे। उन्होंने गुरुवार को अतिथि गृह में बिहार में जहरीली शराब से चार दिनों में 30 से अधिक मौतों को लेकर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा, बिहार में कहा जाता है कि शराबबंदी है। लेकिन हर जगह शराब उपलब्ध है। सत्ता में बैठे माफिया लोग और अधिकारी यह सब कंट्रोल कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, बिहार में लगता नहीं की ऐसी घटनाएं हो रही हैं। शराब हर जगह उपलब्ध हो रहा। यह पूरी तरह से फेल हैं। सत्ता और संरक्षण के द्वारा अपराध किया जा रहा है। लोग मरे नहीं, बल्कि हम कह सकते हैं उनकी हत्या की गई है।
तेजस्वी ने कहा कि जिस प्रकार से शराब बिक रही है। ऐसे में कोई भी पदाधिकारी या बड़े अधिकारी हो किसी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। सत्ता में जो लोग बैठे हैं, उन लोगों को जवाब देना चाहिए कि किस प्रकार का यह शराबबंदी है। गरीब जो हैं, वह मारे जा रहे हैं। गरीबों पर मुकदमा होता है, लेकिन शराब जो सप्लाई होता है जहां से आता है, उन लोगों को छुआ तक नहीं जाता है। जिनके संरक्षण में शराब आ रहा है। कई जगह तो जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ता पकड़े गए हैं। किस प्रकार यह लोग शराब के ब्लैक में स्मगलिंग करते हैं और बिकवाने तथा होम डिलीवरी करते हैं। लेकिन अभी बिहार के लोग मारे जा रहे हैं और सरकार अफसोस तक नहीं की है।
उन्होंने कहा कि शराब आ रहा है, बन रहा है, तभी तो यह घटनाएं हो रही है। अगर शराब आता नहीं और नकली शराब बनाई नहीं जाती तो यह घटना ही नहीं होती। हर लोगों को पता है कि बिहार में बड़ी आसानी से कहीं भी शराब उपलब्ध हो जाती है। जब हमको, आपको, सभी को पता है कि शराब कहां मिलता है तो क्या थानों में पुलिस को पता नहीं है कि कहां से कैसे उपलब्ध होता है। सिर्फ यह भ्रष्टाचार का खेल है। लेकिन मुख्यमंत्री कभी भी इस गंभीर विषय पर कुछ नहीं बोलते हैं। केवल समीक्षा बैठक का ढोंग करके फोटो खिंचवाकर प्रेस में रिलीज डलवा दिया जाता है। होम डिपॉर्टमेंट की मीटिंग होती है तो उसमें डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी नहीं रहते हैं। यह मुख्यमंत्री का हाल है। इसके अलावा तेजस्वी यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध, हत्या, लूट, डकैती समेत विभिन्न मुद्दों पर अपना भड़ास निकाले।
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