पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को शिक्षकों के संशय को दूर करते हुए घोषणा की कि जो नियोजित शिक्षक जहां हैं वही रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में पहले से कई कदम उठाए गए हैं और आज भी कई कार्य किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण 1 लाख 14 हजार 138 विशिष्ट शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इसके अंतर्गत 98,349 प्रारंभिक शिक्षक, 12,524 माध्यमिक शिक्षक तथा 3,265 उच्च माध्यमिक शिक्षक शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से संध्या कुमारी, रजनीश कुमार, अंजलि रानी, धर्मेंद्र राम, मेदिनी बाला एवं धनेश्वर सिंह को कार्यक्रम के दौरान नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 के नवंबर माह में जब हम लोग सरकार में आए थे तब से शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था, आवागमन सहित सभी क्षेत्रों में बेहतरी के लिए काम किया जा रहा है। पहले शाम में कोई घर से बाहर नहीं निकलता था, कहीं कोई रास्ता नहीं बना हुआ था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में शिक्षकों की कमी होने के कारण वर्ष 2006-07 से पंचायत एवं नगर निकायों के माध्यम से बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति की गयी जिनकी कुल संख्या लगभग 3 लाख 67 हजार 143 है। वर्ष 2023 में बिहार लोक सेवा आयोग से नये शिक्षकों की नियुक्ति शुरू की गयी जिसमें 28 हजार नियोजित शिक्षक से सरकारी शिक्षक हो गये। बचे हुए नियोजित शिक्षक, सरकारी शिक्षक बनने की मांग कर रहे थे, तो वर्ष 2023 में ही तय कर दिया गया कि अलग से एक मामूली परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों को सरकारी शिक्षक बनने का अवसर दिया जायेगा और इसके लिए 5 मौके दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक दो परीक्षाओं का आयोजन हो चुका है। पहली सक्षमता परीक्षा का आयोजन किया गया जिसमें 1 लाख 87 हजार 818 नियोजित शिक्षक पास हुए हैं, जिनके प्रमाण-पत्रों की जांच चल रही है। अब तक 1 लाख 14 हजार 138 सरकारी शिक्षकों के प्रमाण-पत्र सही पाए गए हैं, उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। बचे हुए शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच जारी है।
उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षक अपने नये पदस्थापन को लेकर परेशान हैं, इसलिए हमलोगों ने निर्णय लिया है कि जो नियोजित शिक्षक जिस जगह पर काम कर रहे हैं, तत्काल सरकारी शिक्षक बनने के बाद उसी स्थान पर काम करते रहेंगे और इनके नये पदस्थापन पर बाद में निर्णय लिया जायेगा।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने भी संबोधित किया।
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