गंगटोक । सिक्किम सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में 2024 शैक्षणिक सत्र के मध्य में प्राथमिक शिक्षकों के सामूहिक स्थानांतरण पर सिटीजन एक्शन पार्टी-सिक्किम ने सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने सरकार के इस फैसले पर चिंता जाहिर करते हुए इसे शिक्षकों का उत्पीड़न बताया है और इसे वापस लेने की मांग की है। सीएपी-सिक्किम ने कहा है कि इसने वर्तमान सरकार की शिक्षा प्रणाली, विशेष रूप से प्राथमिक स्तर पर, जो पहले से ही कई चुनौतियों से जूझ रही है, के प्रति प्रतिबद्धता पर सवालिया निशान लगा दिया है।
सीएपी-सिक्किम के अनुसार, 59 प्राथमिक शिक्षकों के सामूहिक स्थानांतरण की सूची में 15 राई, 9 शर्मा, 9 लेप्चा, 7 छेत्री, भूटिया, लिंबू और गुरुंग 4-4, 3 प्रधान, 2 शेरपा और मुखिया एवं अनुसूचित जाति के 1-1 शिक्षक शामिल हैं।
सीएपी-सिक्किम प्रवक्ता अल्बर्ट गुरुंग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि राज्य वासियों को यह याद दिलाना महत्वपूर्ण है कि एसकेएम पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए शैक्षणिक सत्र के बीच में शिक्षकों के तबादले की प्रथा का कड़ा विरोध किया था। लेकिन वर्तमान में इस रुख में यह बदलाव राज्य में शिक्षा गुणवत्ता के प्रति मौजूदा सरकार की उदासीनता और नीति-निर्माण में असंगतता को उजागर करता है।
गुरुंग के अनुसार, जब शिक्षा विभाग प्राथमिक स्तर पर कम नामांकन और प्राथमिक शिक्षकों की बड़े पैमाने पर दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्ति की गंभीर समस्या से जूझ रहा है, ऐसे समय में शिक्षकों को स्थानांतरित करने का निर्णय नेतृत्व की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में दिवंगत हुए शिक्षक लेफ्टिनेंट खडग़ बहादुर कार्की को स्थानांतरण आदेश जारी करने को भी अमानवीय और नासमझी भरा कदम बताया और कहा कि यह कार्रवाई सिक्किम में सरकारी संस्थानों के प्रबंधन की खराबी दर्शाती है। उन्होंने कहा कि एसकेएम पार्टी ने शैक्षणिक प्रक्रिया में इस तरह के व्यवधानों को रोकने के लिए एक स्पष्ट स्थानांतरण नीति तैयार करने का वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
इसके अलावा, सीएपी-सिक्किम ने वर्तमान शिक्षा मंत्री राजू बस्नेत की भूमिका की भी आलोचना की है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि एक अनुभवी नौकरशाह के रूप में अपने विशाल अनुभव के बावजूद मंत्री बस्नेत ने विशेष रूप से ग्रामीण छात्रों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव पर विचार किए बिना इन तबादलों को मंजूरी दे दी। छोटे बच्चों की शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में कोई विचार किए बिना किए गए ऐसे निर्णय बहुत चिंताजनक हैं।
गुरुंग ने आगे कहा कि सीएपी-सिक्किम का दृढ़ विश्वास है कि ये अचानक तबादले प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार की उत्पीड़न नीति के अलावा और कुछ नहीं हैं। इस सरकार की कार्रवाई छात्रों के कल्याण और सिक्किम में शिक्षा के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय कुछ व्यक्तियों को दंडित करने के बारे में अधिक प्रतीत होती है। ऐसे में, पार्टी शिक्षकों के इस सामूहिक तबादले को तत्काल वापस लेने की मांग करती है। इस तरह की कार्रवाई “सुनहरे सिक्किम, समृद्ध सिक्किम” के दृष्टिकोण में योगदान नहीं देगी। इसके बजाय, यह राज्य की शैक्षिक नींव को नुकसान पहुंचेगा।
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