गंगटोक । दुनिया भर में ऑर्किड अपने खिले-खिले फूलों के लिए मशहूर हैं, लेकिन भारतीय हिमालयी राज्य सिक्किम में हाल ही में ऑर्किड की एक नई प्रजाति का पता चला है जो अपनी इस खूबी के विपरीत है।
सिक्किम के फैंबोंग्ल्हो वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में गैस्ट्रोडिया इंडिका नामक एक अनोखी ऑर्किड प्रजाति की खोज की गई है, जो कभी अपना फूल नहीं खोलती। यह खोज जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के सिक्किम क्षेत्रीय केंद्र के वनस्पतिशास्त्री मधुसूदन खनाल द्वारा एक वनस्पति विज्ञान अभियान के दौरान की गई है।
इस संबंध में मधुसूदन खनाल ने बताया, यह भारत का पहला ऑर्किड है जो कभी अपना फूल नहीं खोलता। नई प्रजाति का नाम भारत के नाम पर रखा गया है, क्योंकि यह देश में पाई जाने वाली गैस्ट्रोडिया जीनस की पहली क्लिस्टोगैमस प्रजाति है। क्लिस्टोगैमी का मतलब है ऐसे फूलों का बनना जो नहीं खुलते, जबकि चैस्मोगैमस फूल खुलते हैं। गैस्ट्रोडिया इंडिका जैसी होलोमाइकोट्रॉफक़ि प्रजातियाँ जीविका के लिए पूरी तरह से फंगस पर निर्भर रहती हैं।
गौरतलब है कि अभी तक दुनिया भर में केवल पांच पूर्णतया क्लिस्टोगैमस प्रजातियों की ही खोज हुई है। ऐसे में, यह स्व-परागण करने वाली प्रजाति गैस्ट्रोडिया इंडिका, एक उल्लेखनीय खोज है, जिसे समुद्र तल से करीब 2100 मीटर की ऊंचाई पर पाया गया है। यह खोज देश की वनस्पति विविधता के लिए काफी महत्वपूर्ण है और उसमें इजाफा करती है। इससे देश में गैस्ट्रोडिया प्रजातियों की कुल संख्या दस हो गयी है। इसके हर्बेरियम के नमूनों को सावधानीपूर्वक सेंट्रल नेशनल हर्बेरियम और सिक्किम यूनिवर्सिटी हर्बेरियम में जमा किया गया है। हालांकि, अपनी सीमित संख्या और विशिष्ट निवास आवश्यकताओं के कारण, गैस्ट्रोडिया इंडिका संभावित खतरों का सामना कर रहा है। उक्त अभियान के दौरान 100 से कम लोगों को देखा गया, जो इस प्रजाति की दुर्लभता को दर्शाता है।
खनाल के अनुसार, चूंकि यह एक ईको मॉनिटरिंग स्थान है, इसलिए एक सीमित मानव हस्तक्षेप के कारण संभवत: इस अत्यंत मायावी प्रजाति की शानदार वृद्धि हुई है। इलाके के आसपास व्यापक सर्वेक्षणों के बावजूद कोई अतिरिक्त आबादी नहीं मिली। ऐसे में यह माना जा सकता है कि नई प्रजाति, एक होलोमाइकोट्रॉफ़ होने के कारण किसी भी मानवजनित दबाव के प्रति बेहद संवेदनशील है, इसलिए निवास स्थान में कोई भी गड़बड़ी या परिवर्तन प्रजातियों के नुकसान का कारण बन सकता है।
#anugamini #sikkim
No Comments: