गंगटोक । केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सिक्किम की लाइफ लाइन कही जाने वाली एनएच-10 के रखरखाव और प्रबंधन का अधिकार तत्काल केंद्रीय एजेंसी एनएचआईडीसीएल को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है। इससे सिक्किम की एक प्रमुख मांग पूरी होने के तौर पर देखा जा रहा है, जिसे मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने हाल ही में केंद्र के समक्ष जोरदार तरीके से रखा था। सिक्किम के लोकसभा सांसद इंद्र हांग सुब्बा ने यह जानकारी दी है।
सांसद इंद्र हांग सुब्बा ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और NH10 के पश्चिम बंगाल में पडऩे वाले रंगपो-सेवक खंड को पश्चिम बंगाल पीडब्ल्यूडी से तत्काल सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के तहत किसी केंद्रीय एजेंसी को प्रभावी मरम्मत और उन्नयन के लिए हस्तांतरित करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा।
सांसद सुब्बा ने कहा, बैठक में केंद्रीय मंत्री ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों को एनएच-10 के रंगपो-सेवक खंड को पश्चिम बंगाल पीडब्ल्यूडी से तत्काल एनएचआईडीसीएल को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि एनएच-10 हस्तांतरण के संबंध में कई उच्च स्तरीय बैठकें की जा चुकी हैं। इस पर, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एनएच-10 हस्तांतरण जल्द ही किया जाएगा।
आज सांसद सुब्बा ने केंद्रीय मंत्री को उनके सक्रिय पहलों और एनएचआईडीसीएल को एनएच-10 हस्तांतरित करने के निर्देश के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि 2023 की बाढ़ के बाद एनएच-10 की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, इसे जलवायु परिवर्तन रोधी और लगातार चालू रखने हेतु संवेदनशील हिस्सों पर नए सडक़ एलाइनमेंट और सुरंगों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया, “सिक्किम के लोगों और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों के लिए एनएच-10 के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है। इस मार्ग के विकास और रखरखाव से न केवल लोगों के जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि जरूरत के समय रणनीतिक तत्परता भी सुनिश्चित होगी।
बैठक में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सिक्किमी सांसद को आश्वासन दिया कि पूरे राजमार्ग को एनएचआईडीसीएल के अधीन लाने के बाद एनएच-10 का आवश्यक सुदृढ़ीकरण और रीएलाइनमेंट किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एनएच-10 सिक्किम को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी समेत शेष भारत से जोडऩे वाला प्रमुख मार्ग है। सिक्किम की ओर एनएच-10 का गंगटोक-रंगपो खंड पहले से ही एनएचआईडीसीएल के अधीन है, जबकि सिलीगुड़ी के पास सेवक से रंगपो तक का खंड पश्चिम बंगाल पीडब्ल्यूडी के अधीन है।
जून में मानसून की शुरुआत के बाद से ही रंगपो-सेवक खंड में कई भूस्खलन और सड़क धंसने की घटनाएं हुई हैं, जिससे सिक्किम का एकमात्र राजमार्ग संपर्क कई हफ्तों तक बंद रहा है। वहीं, पिछले वर्ष अक्टूबर में आई तीस्ता बाढ़ के बाद नदी के बढ़ते जल स्तर ने भूस्खलन के प्रति राजमार्ग की नाजुकता को और बढ़ा दिया है।
सांसद इंद्र हांग सुब्बा ने कहा, एनएचआईडीसीएल जैसी केंद्रीय एजेंसी को एनएच-10 का हस्तांतरण सिक्किम और उसके लोगों को बड़ी राहत प्रदान करेगा, जो पूरी तरह से इस राजमार्ग पर निर्भर हैं। हमारे मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने केंद्र के साथ इस विशेष मांग को जोरदार तरीके से उठाया था, जिसके परिणामस्वरूप सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सक्रिय कदम उठाए हैं।
केंद्रीय बजट सत्र के दौरान भी सुब्बा ने लोकसभा में भी NH10 का मुद्दा उठाया था और संबंधित राज्य मंत्री के समक्ष भी इसे पेश किया था। सुब्बा ने जोर देकर कहा कि एनएच-10 हस्तांतरण की मांग को सिक्किम और पश्चिम बंगाल सरकारों के बीच टकराव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, कुछ लोग सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैला सकते हैं कि यह मांग पश्चिम बंगाल सरकार के साथ टकराव है। इस मांग को उस परिप्रेक्ष्य में देखना गलत है। हम कह रहे हैं कि एनएच-10 अंतरराज्यीय है, इससे बंगाल को भी लाभ होगा और यह सिक्किम की जीवन रेखा है। यह सिक्किम और बंगाल सरकारों के बीच टकराव नहीं है। हमें इसे दोनों सरकारों के लिए जीत की स्थिति के रूप में देखना चाहिए और इसलिए, हम आशावादी हैं कि बंगाल सरकार इस पर सहमत होगी।
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