गंगटोक । टिकाऊ कृषि पद्धति को बढ़ावा देने के लिए आईसीएआर-राष्ट्रीय आर्किड अनुसंधान केंद्र ने आईसीएआर-एनएआईएफ योजना के तहत आर्किड के लिए जैविक पोषक तत्व प्रबंधन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
पाकिम स्थित आईसीएआर-एनआरसीओ परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को पर्यावरण अनुकूल जैविक पोषक उर्वरक समाधान तकनीक अपनाने के लिए ज्ञान और कौशल से लैस करना था। प्रशिक्षण सत्र में आवश्यक विषयों पर चर्चा की गई। इसमें जैविक उर्वरक समाधान का निर्माण और अनुप्रयोग, उपयोग से पहले निगरानी हेतु महत्वपूर्ण पैरामीटर, सुरक्षा सावधानियां और सर्वोत्तम अभ्यास शामिल है।
प्रधान वैज्ञानिक डॉ एलसी डे ने एनआरसीओ के स्वामित्व वाले जैविक पोषक तत्व समाधान की तैयारी और अनुप्रयोग पर गहन व्याख्यान दिया। डॉ कलैवानन, नोडल अधिकारी ने समाधान को संभालते समय सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के महत्व पर बल दिया। आईसीएआर-एनआरसीओ के निदेशक डॉ एसपी दास ने प्रत्येक प्रतिभागी को 5 लीटर सांद्रित एनआरसीओ जैविक पोषक उर्वरक घोल वितरित किया तथा उन्हें एमएन प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने केंद्र के सूखे फूल उत्पादों का भी प्रदर्शन किया तथा किसानों को उत्पादन तकनीकों पर एक अलग प्रशिक्षण सत्र में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में परखा, कार्थोक और चलमथांग गांवों के 18 किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। जैविक उर्वरक विशेषज्ञता के साथ किसानों को सशक्त बनाकर, आईसीएआर-एनआरसीओ का लक्ष्य हरित और अधिक टिकाऊ कृषि परिदृश्य में योगदान करना है।
#anugamini #sikkim
No Comments: