गंगटोक । हाल ही संपन्न हुए लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में प्रचंड विजय के बाद सताधारी Sikkim Krantikari Morcha पार्टी (एसकेएम) ने राज्य विधानसभा में प्रभावशाली उपस्थिति हासिल कर ली है। राज्य चुनाव में विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के एकमात्र विजयी उम्मीदवार तेनजिन नोरबू लाम्टा के भी SKM में शामिल होने से अब राज्य में कोई औपचारिक विपक्ष नहीं रह गया है। कुल 32 सीटों वाली सिक्किम विधानसभा में वर्तमान में एसकेएम के पास 30 सीटें हैं।
सिक्किम की राजनीति में इस बदलाव के बाद अब राजनीतिक दलों का ध्यान सोरेंग-च्याखुंग और नामची में होने वाले दो आगामी उपचुनावों पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) ने रेनॉक और सोरेंग-च्याखुंग सीटों से चुनाव जीतने के बाद सोरेंग-च्याखुंग सीट खाली की है। वहीं, नामची सीट श्रीमती कृष्णा कुमारी राई (गोले) ने खाली छोड़ी है। हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक इन उपचुनावों की तारीखों की घोषणा नहीं की है।
इसी बीच, उपचुनावों में सफलता के इतिहास के बावजूद भारतीय जनता पार्टी, जिसने पहले दो सीटें जीती थीं, फिलहाल एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डीआर थापा इस समय दिल्ली में हैं और ऐसी अटकलें हैं कि पार्टी विपक्ष की मौजूदगी स्थापित करने हेतु उपचुनावों पर जोर दे सकती है। हालांकि, सीएम प्रेम सिंह तमांग की मजबूत स्थिति के साथ परिस्थितियों बदल गईं हैं, जिनके पास 2019 में 17 की तुलना में 30 विधायक हैं। बहरहाल, ये उपचुनाव विपक्षी एकता के साथ-साथ मुख्यमंत्री गोले के नेतृत्व में एसकेएम सरकार की स्थिरता और प्रभावशीलता के लिए भी एक महत्वपूर्ण परीक्षा साबित होगी।
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