गेजिंग । आदिकवि भानुभक्त आचार्य की 210वीं जयंती शनिवार को जिला प्रशासन केंद्र गेजिंग एवं पश्चिम सिक्किम साहित्य प्रकाशन के संयुक्त तत्वावधान में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ सामुदायिक भवन गेजिंग में मनाई गई। इस समारोह में मुख्य अतिथि सिक्किम सरकार के भवन एवं आवास विभाग के मंत्री भीमहांग सुब्बा, आयोजन समिति के अध्यक्ष और जिलापाल येशी डी योंगडा, पद्मश्री केदार गुरुंग, विभिन्न विभागों के अधिकारी, साहित्यकारगण, जिला और ग्राम पंचायत एवं अन्य साहित्य एवं भाषा प्रेमी उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पहले चरण में उपस्थित सभी लोगों ने क्यांगसा में भारतीय नेपाली साहित्यिक और सांस्कृतिक अनुसंधान केंद्र के परिसर में स्थित दुनिया के सबसे बड़े भानु सॉलिग में खादा अर्पित करके अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद सामुदायिक भवन में आयोजित समारोह में अध्यक्ष एवं जिलापाल येशी डी यांगदा ने भाषण दिया, जिसके बाद डॉ. दिलीराम शर्मा ने परिचय भाषण दिया। पश्चिम सिक्किम साहित्य प्रकाशन द्वारा हर वर्ष दिए जाने वाला लेखक पुरस्कार इस वर्ष निबंध श्रेणी में नामथांग दक्षिण सिक्किम के बलराम दहाल, कविता श्रेणी में कार्सियांग पश्चिम बंगाल के ग्यालपे लामा और कहानी श्रेणी में अरिगांव पश्चिम सिक्किम के अविनाश संन्यासी को मुख्य अतिथि के हाथों प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित किया गया।
अवॉर्ड के प्रायोजक भवानी गौतम और उनकी बेटी अभिमाया गौतम हमेशा अपने माता-पिता चंद्र लाल कृष्ण माया की स्मृति में देते रहे हैं। इसके अलावा आयोजन समिति द्वारा हर वर्ष दिए जाने वाले नेपाली, लिंबू, भूटिया, लेप्चा भाषाओं में कक्षा 10-12 में सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में श्री उपमन बस्नेत स्मृति विशेषांक 87वें अंक की पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
भानु जयंती समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मंत्री भीमहांग सुब्बा ने कहा कि भाषा और साहित्य के संरक्षण से जाति का अस्तित्व बचता है, इसलिए वर्तमान युवाओं से आह्वान किया कि भाषा को बचाने के लिए साहित्य, संस्कृति और परंपरा के क्षेत्र में आगे आना चाहिए। इससे जाति जीवित रहती है। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें आदि कविभानुभक्त से प्रेरणा लेकर साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। मंत्री सुब्बा ने भानुभक्त की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी कई कृतियां हैं, उनमें रामायण प्रमुख है। भानुभक्त की नेपाली भाषा की प्रेरणा को नेपाली समाज कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने उपस्थित साहित्कारों की रुचि को निरंतरता देते हुए यहां मंच के पश्चिम सिक्किम साहित्य प्रकाशन की स्थापना की जानकारी देते हुए कहा कि नये साहित्यकार रुचि लेकर काम जारी रखें। उन्होंने यह भी दावा किया कि साहित्य प्रकाशन ने साहित्य को जन्म दिया है और यहां कई लेखकों को जन्म दिया है।
उन्होंने सुझाव दिया कि भारती नेपाली साहित्य एवं अनुसंधान केंद्र को एक ऐसे स्थान के रूप में विकसित किया जाना चाहिए जो दुनिया में तीर्थस्थल के रूप में पहचाना जाएगा। सुब्बा ने कहा कि नेपाली भाषा, साहित्य, संस्कृति और परंपराओं की न केवल रक्षा की जानी चाहिए, बल्कि संरक्षित एवं रखा जाए। इसकी उत्पत्ति के बारे में भी जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम जातीय एकता के रूप में मनाया जाता है, सिक्किम के गेजिंग में दुनिया का सबसे बड़ा भानु सोलिग है, जिसे संरक्षित और रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक कार्यक्रम से भाषा, समाज और देश का नाम ऊंचा होगा। उन्होंने यह भी बताया कि साहित्य समाज का आभूषण है और जो व्यक्ति साहित्य का विकास करते हैं, उन्हें सदैव उन अजर-अमर व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए।
विभिन्न रोचक कार्यक्रमों, साहित्यिक गोष्ठी एवं रामायण पाठ के बीच आयोजित कार्यक्रम में प्रथम स्थान प्राप्त प्रतियोगियों ने प्रतिस्पर्धात्मक ढंग से अपनी रचनाएं सुनाईं। ओपन रामायण पाठ प्रतियोगिता में मंदाकिनी ग्रुप अरीगांव प्रथम, जिला शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र द्वितीय एवं शर्मानंद शर्मा तृतीय स्थान पर रहे। इसी प्रकार छात्र वर्ग की रामायण पाठ प्रतियोगिता में लिंगजिक लोअर सेकेंडरी स्कूल प्रथम, लिंगचेम सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वितीय तथा दाराप सीनियर सेकेंडरी स्कूल तृतीय स्थान पर रहा। छात्रों की श्रेणी में कविता वर्ग में पहला स्थान विनय गुरुंग दारप सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों ने, दूसरा स्थान जेत्सना कार्की मिडिल गेजिंग सेकेंडरी स्कूल और तीसरा स्थान अंजू सरकी संतमेरी स्कूल और अमित राई लेक्शेप सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों ने जीता।
प्रतियोगी खुला रामायण पाठ के साथ-साथ विभिन्न साहित्यिक श्रेणियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों को आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र और पुरस्कार प्रदान किये गये। पश्चिम बंगाल के लेखक और रचनाकार ग्यालपे लामा ने भी इस समारोह में एक संक्षिप्त भाषण देते हुए कहा कि हम बंगाल से नहीं जाने जाते, लेकिन सिक्किम ने साहित्य के क्षेत्र में मेरी पहचान बनाई है। इससे पहले नामची ने मुझे सम्मानित किया था और इस साल भानु जयंती पर गेजिंग को सम्मानित करने के लिए उन्होंने सभी को धन्यवाद भी दिया। नोभा पब्लिक स्कूल तीकजुक, डांसर्स हार्टबीट एकेडमी गेज़िंग, पेलिंग सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गेज़िंग कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल, किडजी ग्लैबस इंटरनेशनल स्कूल, लिंगचेम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सैकयेंग सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने भी रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
#anugamini #sikkim
No Comments: