पीलीभीत । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शारदा ट्रांस क्षेत्र में बाढ़ से तीन लोगों की मृत्यु हुई है। तीनों मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये जिला प्रशासन की ओर से दिए जाएंगे। उन्होंने जिला प्रशासन को पशु हानि और फसलों की क्षतिपूर्ति करने के लिए निर्देश दिए हैं। कहा कि जिले में बसे बंगाली समुदाय को सीएए के तहत नागरिकता देकर मकान व जमीन का पट्टा दिया जाए। इसके लिए जिला प्रशासन को जल्द प्रक्रिया पूरी करने को निर्देशित किया।
बुधवार को दोपहर करीब एक बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हेलिकॉप्टर से पूरनपुर के रूदपुर गांव पहुंचे। यहां से वह सीधे शारदा से सटे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए सड़क मार्ग से चंदिया हजारा के लिए रवाना हो गए। वहां जाकर उन्होंने बाढ़ प्रभावितों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना और शीघ्र समस्या का निस्तारण करने का आश्वासन दिया। इसके बाद वह सभास्थल पर वापस रूदपुर आ गए।
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की और इसके बाद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पीलीभीत जिले में कुल 222 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। यह बाढ़ देवहा और शारदा नदी के उफनाने से आई है। इससे कुल 76 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। इसके लिए नौकाएं, स्टीमरों आदि की व्यवस्था की गई है। बाढ़ बचाव के लिए 261 शरणालय बनाए गए हैं। जहां बाढ़ प्रभावितों को रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि पांच तहसीलों में पूरनपुर के 60, कलीनगर के 20, सदर के 16 और अमरिया के 23 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। इससे आबादी और कृषि दोनों प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभावित परिवारों को सहायता के लिए सरकार की ओर से खाने के पैकेट की सुविधा दी जा रही है। इसके साथ ही कम्युनिटी किचन की व्यवस्था भी की गई है। कहा कि जो लोग अलग से किचन की व्यवस्था चाहते हैं, उनके लिए इसकी व्यवस्था भी है। इस किचन में उनको खाद्य सामग्री सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। वह स्वयं खाना पका सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने हेलिकॉप्टर के माध्यम से बीसलपुर क्षेत्र का निरीक्षण किया और देवहा नदी से आई बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि बीसलपुर में कुल 33 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बचा व राहत कार्य जारी है।
बाढ़ से हुई पशुहानि का तत्काल आकलन किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 घंटे में क्षतिपूर्ति करने के निर्देश जिला प्रशासन दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जिन क्षेत्रों में नदियां काफी जहां उथली हैं। वहां पर ड्रेजिंग कर के चेनेलाइजेशन का कार्य किया जाएगा। इसके लिए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को कहा गया है कि यह कार्य अतिशीघ्र पूरा किया जाए। नदी की धारा इस तरह से मोड़ी जाएगी कि जमीन और खेत न कट पाएं। जिनकी जमीन चली गई है। उनको पट्टा उपलब्ध कराया जाएगा। एजेन्सी
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