गंगटोक । भारत के तीन नए आपराधिक कानूनों पर एक कानूनी जागरुकता सत्र राज्य केंद्रीय कारागार, रोंगयेक, गंगटोक के परिसर में आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से सिक्किम बार एसोसिएशन के श्री बिधान राई मौजूद रहे। स्वागत भाषण जेल की एएसपी सुश्री सावित्री प्रधान ने दिया।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अगर सभी को देश के कानून के बारे में जानकारी हो जाए तो अपराध नहीं होंगे। सत्र की शुरुआत में बिधान राई ने तीन नए कानून के बारे में लोगों को जानकारी दी। ये कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 है। श्री राई ने मौजूदा कानूनों में हुए प्रमुख बदलावों पर बात की तथा इन बदलावों के बारे में जागरूकता पैदा की। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि नए आपराधिक कानून में विशेष प्रावधानों के माध्यम से महिलाओं और नाबालिगों को काफी सुरक्षा प्रदान की गई है।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 (बीएनएस) ने मौजूदा भारतीय दंड संहिता-आईपीसी का स्थान लिया, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) ने दंड प्रक्रिया संहिता- सीआरपीसी का स्थान लिया और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (बीएसए) ने लिया है। ये अधिनियम दिसंबर 2023 में संसद द्वारा पारित किए गए और 1 जुलाई 2024 को लागू हुए। कार्यक्रम में एएसपी जेल सुश्री सावित्री प्रधान, सेवानिवृत्त जेल अधिकारी श्री थेंडुप डी भूटिया, राज्य केन्द्रीय कारागार के अधिकारी, पैरा लीगल वालंटियर्स और विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन श्री सोनम ग्यात्सो भूटिया (एएसजे) द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम का समन्वयन उप जेलर श्री तेन छिरिंग लेप्चा द्वारा किया गया।
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