योक्सम । पर्यावरणीय स्थिरता और कचरा प्रबंधन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहले के तहत डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया ने कंचनजंगा कंजर्वेशन कमिटी तथा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-यूके के सहयोग से आज कचरा पृथक्करण और हस्तनिर्मित कागज बनाने पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें स्थानीय लोगों और स्कूली बच्चों के अलावा योक्सम तथा इसके आसपास के स्वयं सेवी समूहों के सदस्यों ने हिस्सा लिया।
प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत में कचरा पृथक्करण के महत्व पर जोर दिया गया। उसके बाद प्रतिभागियों को मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी में ले जाया गया, जहां उन्होंने विभिन्न प्रकार के कचरों की पहचान करना और उन्हें छांटना सीखा। साथ ही वहां उन्हें कचरा कम करने, उसके पुन: उपयोग और रिसाइञ्चिलंग तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा, कार्यक्रम में स्थानीय हस्तनिर्मित कागज बनाने वाली इकाई का दौरा भी शामिल था। वहां, अपशिष्ट कागज को पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों में रिसाइकिल किया जाता है। प्रतिभागियों को कागज बनाने की प्रक्रिया में व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।
इस दौरान, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया की लैंडस्केप समन्वयक लैक शेडेन थेंग ने कार्यक्रम के प्रमुख लक्ष्य हिम तेंदुए और उसके आवास का संरक्षण बताते हुए कहा कि आज के प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभागियों में जिम्मेदारी और रचनात्मकता पैदा करके कचरा प्रबंधन चुनौतियों का समाधान करना है। वहीं, केसीसी अध्यक्ष छिरिंग उडेन ने कहा कि स्कूली बच्चे बहुमूल्य कौशल और ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं जो न केवल पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में उनकी समझ को बढ़ाता है बल्कि उन्हें अपने समुदायों में सक्रिय बनने के लिए भी प्रेरित करता है।
कार्यक्रम में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया ने हस्तनिर्मित कागज बनाने वाली इकाई की बेहतरी हेतु बैग, लिफाफे और डायरी जैसी वस्तुओं के उत्पादन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक पेपर कटिंग मशीन भी दान की। उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण युक्सम गांव कंचनजंगा नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। यह लुप्तप्राय हिम तेंदुए के आवास सहित अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। ऐसे में, प्रत्येक मौसम में हजारों पर्यटकों के आगमन से पार्क के भीतर प्रभावी कचरा प्रबंधन एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है।
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