पटना, 09 मई । पाटलिपुत्र संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव ने नामांकन दाखिल किया है। नॉमिनेशन से पहले उन्होंने रोड शो किया। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों की अच्छी खासी भीड़ जुटी थी।
रामकृपाल यादव ने कहा कि सड़क को छोड़कर आसमान में उड़ने वाले धाराशाही हो जाएंगे। जब तक जिंदा हूं, पाटलिपुत्र की जनता की सेवा करता रहूंगा। हमेशा सुख दुख में शामिल रहा हूं, आगे भी रहूंगा। रोड शो को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री मेरे घर आ रहे हैं। एनडीए के कार्यकर्ताओं में पीएम के आगमन को लेकर काफी उत्साह है।
रामकृपाल यादव रोड शो करते हुए एसपी वर्मा रोड, फ्रेजर रोड, बिस्कोमान होते हुए कृष्ण मेमोरियल हॉल तक गए। फिर अपने प्रस्तावकों के साथ पटना समाहरणालय पहुंचकर नामांकन दाखिल किया।
नामांकन के बाद कृष्ण मेमोरियल हॉल में रामकृपाल यादव के समर्थन में सभा का आयोजन किया गया। जिसमें बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, सीपी ठाकुर, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी शामिल हुए।
बिहार लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र हमेशा से ही हॉट सीट रही है। इस सीट से लालू प्रसाद यादव चुनाव लड़ चुके हैं। नए परिसीमन के बाद 2009 में इस सीट पर पहली बार चुनाव हुआ था, जिसमें जदयू के रंजन प्रसाद यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को हराया था। हार का सामना करने के बाद अगले लोकसभा चुनाव में लालू ने अपनी सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती को चुनावी मैदान में उतारा।
हालांकि, उन्हें भी अपने पिता की तरह ही हार का मुंह देखना पड़ा। राजद से बागी हुए रामकृपाल यादव बीजेपी में शामिल हो गए थे। 2014 में बीजेपी से लोकसभा का टिकट लेकर मीसा भारती के सामने खड़े हुए और उन्हें 40 हजार 322 वोटों से हराया था।
फिर पाटलिपुत्र सीट के लिए 2019 में मीसा भारती और रामकृपाल यादव का आमना-सामना हुआ। 2019 में राज्यसभा सांसद होते हुए मीसा दोबारा यहां से चुनाव लड़ी और 39 हजार 321 वोटों से हारीं। मीसा को 4 लाख 70 हजार 236 और रामकृपाल यादव को 5 लाख 9 हजार 557 वोट मिले।
रामकृपाल यादव को पाटलिपुत्र इलाके में मजबूत नेता माना जाता है। यहां तक कि उनकी यादव समाज में भी गहरी पैठ है। यही वजह है कि वो दो बार मीसा भारती को चुनाव हरा चुके हैं। हालांकि, 2024 लोकसभा चुनाव में फिर से रामकृपाल यादव और मीसा भारती का आमने-सामने हैं। दो बार हार मिलने के बावजूद मीसा ने तीसरी बार पाटलिपुत्र सीट से चुनाव लड़ रही हैं।
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