गंगटोक । Sikkim Democratic Front (एसडीएफ) अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने राज्य की सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा सरकार को अब तक की सबसे कमजोर सरकार बताते हुए इस चुनाव को राज्य का भाग्य और भविष्य सुनिश्चित करने वाला आखिरी चुनाव बताया है। जनता के नाम एक खुले पत्र में चामलिंग ने हरेक क्षेत्र में एसकेएम सरकार की विफलता गिनाते हुए उनसे पुन: एसडीएफ सरकार को सत्ता में वापस लाकर राज्य को आने वाले खतरों से बचाने का आह्वान किया है।
अपने पत्र में Pawan Chamling ने कहा है कि 1975 में सिक्किम के विलय के बाद से आज तक कभी भी चुनाव इतने महत्वपूर्ण नहीं हुए थे। यह चुनाव हमारे राज्य का भाग्य और भविष्य तय करेगा। अब तक की सबसे कमजोर एसकेएम सरकार ने पिछले पांच वर्षों में राज्य के हर क्षेत्र में विनाशकारी क्षति पहुंचाई है। उन्होंने कहा, इस सरकार के कार्यकाल में हमारी ऐतिहासिक सिक्कीमी परिभाषा बदल दी गई है, जिससे राज्यवासियों की संवैधानिक विशिष्ट पहचान अप्रासंगिक हो गयी है। वहीं, CAA लागू होने से अब कोई भी भारतीय सिक्किम में नागरिकता का दावा करने लगेगा।
#SDF अध्यक्ष के अनुसार, आर्थिक मोर्चों पर भी इस सरकार ने सिक्किमी परिसंपत्तियों की बिक्री, 30 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज और कोविड समेत अन्य केंद्रीय फंड में अनियमितता जैसे कार्य किए हैं। इसका दुष्प्रभाव यह होगा कि हमारा दीर्घकालिक राजस्व पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और हम हमेशा के लिए केंद्र-निर्भर राज्य बन जाएंगे। राज्य का बजट कर्ज चुकाने में ही खर्च हो जायेगा और विकास व कल्याणकारी योजनाएं ठप्प पड़ जाएंगी।
इसके साथ ही चामलिंग ने अपने पत्र में एसकेएम सरकार पर धमकी व हिंसा का सहारा लेने का आरोप लगाते हुए राज्य में बढ़ती अपराध दर, मुख्यमंत्री की तानाशाही प्रवृत्ति, कानून-व्यवस्था की कमजोर स्थिति, स्थानीय व्यापार-वाणिज्य पर बाहरी लोगों का वर्चस्व, पर्यटन व्यवसाय एवं जैविक खेती में कमी, युवाओं में नशे की बढ़ती लत जैसे मुद्दों पर जनता का ध्यान आकर्षित करते हुए आगामी चिंताओं से अवगत कराया है।
उन्होंने कहा, एक राज्य के रूप में हमारे सामने कई और खतरे छिपे हैं। एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड, मोटर वाहन (संशोधन), जन्म व मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) आदि जैसे केंद्रीय कानूनों के कार्यान्वयन से हमारी विशेष स्थिति, अधिकारों और पहचान पर दूरगामी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वित्त अधिनियम में आईटी कानून धारा 10 (26एएए) में दो और उपधाराएं जोड़ कर सिक्किमी शब्द को फिर से परिभाषित किया गया है, जिससे सिक्किम सब्जेक्ट निरर्थक हो गया है।
ऐसे में इस चुनाव में जनता से अपने विवेक से काम लेने का आह्वान करते हुए चामलिंग ने उनसे एसडीएफ को एक और मौका देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, यह चुनाव सिक्किम को भारत के 22वें राज्य के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बचाने हेतु आखिरी जीवन रेखा है। हम उस बिंदु तक पहुंचने से बस कुछ इंच दूर हैं जहां से वापसी संभव नहीं है। यदि अभी नहीं हुआ तो यह फिर कभी नहीं हो पाएगा।
चामलिंग ने आगे कहा, मैं स्वीकार करता हूं कि हमारे बीच कई मतभेद हैं और कुछ में व्यक्तिगत कारण एवं मजबूरियां हो सकती हैं। कुछ लोग इस सरकार से व्यक्तिगत रूप से भी लाभान्वित हो सकते हैं। लेकिन इनमें से कोई भी मामला सिक्किम को बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होना चाहिए। जनता यदि हमें एक बार फिर नई निर्वाचित सरकार के रूप में आने का मौका देती है तो हम हर क्षेत्र से एसकेएम के कुशासन के सभी हानिकारक प्रभावों को मिटा देंगे और सिक्किम को अनुच्छेद 371F के तहत उसके शुद्धतम और सुरक्षित रूप में जनता को वापस सौंप देंगे। कहना न होगा कि सिक्किम फिर से समृद्ध, शांतिपूर्ण, जैविक, हरा-भरा, स्वच्छ, आत्मनिर्भर, खुशहाल और यथासंभव सबसे लोकतांत्रिक राज्य होगा।
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