sidebar advertisement

पहियों के आयातक नहीं अब हम निर्यातक होंगे : अश्विनी वैष्णव

चेन्नई, 14 मार्च । केंद्रीय रेली मंत्री अश्विनी वैष्णव ने के कहा कि भारत रेलवे में इस्तेमाल होने वाले पहियों का निर्यातक बनने के लिए तैयार है। सेमीकंडक्टर निर्माता क्वालकॉम के चेन्नई डिजाइन सेंटर के उद्घाटन समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में एक फैक्ट्री लगने के साथ ही निर्माण गतिविधियां शुरू हो गई हैं।

इस दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि वंदे भारत ट्रेनें सफल रही है। वंदे भारत ट्रेनों में जो पहिए इस्तेमाल किए जाते हैं, वे बेहद गुणवत्ता वाला होता है। कई प्रक्रिया से गुजरने के बाद इन पहियों का निर्माण किया जाता है। इस तरह के पहियों के उत्पादन के लिए फैक्ट्रियों को स्थापित किया जा रहा है। जिसमें 2.5 लाख पहियों का उत्पादन करने की क्षमता होगी। तकरीबन 80 हजार पहियों का इस्तेमाल भारत में किया जाएगा, बाकी 1.70 लाख का निर्यात किया जाएगा।

केंद्रीय रेली मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे 60 से 70 वर्षों तक पहियों का आयातक था। लेकिन अब समय आ गया है कि भारत अब इन पहियाों के एक प्रमुख निर्यातक के तौर पर उभरेगा। मुझे बेहद खुशी हो रही है कि इसकी फैक्ट्री तमिलनाडु में स्थापित की जा रही है, अगले 16 से 18 महीनों में उत्पादन शुरू हो जाएगा।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री स्टैण्डर्ड गेज वंदे भारत ट्रेनें भी विकसित करेगी। स्टैण्डर्ड गेज रेक का इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्टैण्डर्ड गेज वंदे भारत ट्रेनों की डिजाइनिंग और परीक्षण किए जाने की जरूरत है, जिसके बाद उन्हें औपचारिक रूप से लॉन्च करने से पहले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंजूरी प्राप्त करने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि इसमें कुछ समय लगेगा। रेल मंत्री ने कहा कि हालांकि यह एक बड़ी और कठिन प्रक्रिया है, लेकिन अगर हम आज शुरू करते हैं तो अब से पांच साल में हमारे पास एक अच्छा स्टैण्डर्ड गेज उत्पाद होगा, जो निर्यात के लिए तैयार होगा। (एजेन्सी)

#anugamini

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sidebar advertisement

National News

Politics