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सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग जरूरी : कर्मा आर बोनपो

गंगटोक । राज्य वाणिज्य व उद्योग विभाग द्वारा आज स्थानीय ताशीलिंग सचिवालय सभागार में रचनात्मक अर्थव्यवस्था पर एक दिवसीय गोलमेज सेमिनार आयोजित किया गया।

इस अवसर पर अपने मुख्य भाषण में वाणिज्य व उद्योग सचिव कर्मा आर बोनपो ने रोजगार सृजन और सतत विकास की क्षमता की परिकल्पना करते हुए सिक्किम की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग पर जोर देते हुए राज्य के युवाओं की रचनात्मक प्रतिभा का पोषण करते हुए विकास चुनौतियों का समाधान करने को महत्वपूर्ण बताया।

वहीं, यहां अपने विशेष संबोधन में सिक्किम फिल्म प्रमोशन बोर्ड की अध्यक्ष पूजा शर्मा ने राज्य में अपनी तरह के इस पहले सम्मेलन को ऐतिहासिक बताते हुए सांस्कृतिक समृद्धि और चुनौतियों में निहित क्षमता को पहचान की। साथ ही उन्होंने राज्य की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की वर्तमान आवश्यकता को समझने की आवश्यकता भी बताई। इसके अतिरिक्त, उन्होंने फिल्म उद्योग के विकास हेतु नयनाभिराम परिदृश्यों से भरपूर सिक्किम की क्षमता पर प्रकाश डाला और इसे राज्य अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाला बताया।

कार्यक्रम में सिक्किम इंस्पायर की अतिरिक्त सचिव रोहिणी प्रधान ने गैर-कृषि क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं के लिए एक समावेशी आर्थिक मंच बनाने के संगठन के लक्ष्य को रेखांकित करते हुए विकास क्षमता और संबंधित चुनौतियों को समझने के लिए सर्वेक्षण आयोजित करने के महत्व पर जोर दिया।

सिक्किम के फिल्म निर्देशक कर्मा थाकर्पा ने ‘सिक्किम की रचनात्मक अर्थव्यवस्था में फिल्म उद्योग की क्षमता’ विषय पर बोलते हुए कहा कि राज्य फिल्म उद्योग अपने सुंदर परिदृश्यों एवं अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत के साथ फिल्मा निर्माण एवं रचनात्मक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण क्षमता रखता है।

उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने और बुनियादी ढांचा विकसित कर सिक्किम पर्यटन, रोजगार सृजन और सांस्कृतिक प्रचार के माध्यम से आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकता है।

थाकर्पा ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि क्षेत्रीय और स्वतंत्र फिल्म और मीडिया में राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि और विविध परिदृश्यों को प्रदर्शित करने की महत्वपूर्ण क्षमता है। ये प्रस्तुतियां स्थानीय प्रतिभा को बढ़ावा देती हैं और अनूठी कहानी कहने के लिए मंच प्रदान करती हैं। हालांकि उन्होंने इसमें पेश आने वाली धन संबंधी बाधाओं को दूर किये जाने की आवश्यकता बताई।

इसके अलावा, एसकेएम प्रवक्ता यूगन तमांग ने भी ‘रचनात्मक अर्थव्यवस्था पारिस्थितिकी तंत्र’ विषय पर बात की। उन्होंने कहा कि रचनात्मक अर्थव्यवस्था पारिस्थितिकी तंत्र में कलाकार, डिजाइनर, उद्यमी, नीति निर्माता, निवेशक और उपभोक्ता सहित विविध हितधारक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसमें सांस्कृतिक और रचनात्मक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन, वितरण और उपभोग शामिल है। उन्होंने उल्लेख किया कि राज्य सरकार उद्यमियों को उनके प्रयासों में आगे बढ़ने के लिए समर्थन और प्रोत्साहित करने हेतु प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर विभिन्न संगठनों के उद्यमी, इन्वेस्ट इंडिया, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, विश्व बैंक के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपने विचार साझा किए। इससे पहले वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की अतिरिक्त सचिव चोडेन ग्याछो के स्वागत भाषण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

#anugamini #sikkim

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