सिक्किम-दार्जिलिंग एकीकरण मंच ने प्रधानमंत्री व सिक्किम के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
दार्जिलिंग, 28 फरवरी । सिक्किम-दार्जिलिंग एकीकरण मंच ने पहाड़ वासियों की चिंताओं से अवगत कराते हुए सिक्किम सीमा आयोग गठन की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। मंच ने इसकी प्रति सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को भी भेजी है।
मंच की केंद्रीय कमिटी के सचिव शंकर हांग सुब्बा ने आज यहां प्रेस गिल्ड में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कहा कि हम दार्जिलिंग पहाड़ वासियों के समक्ष पेश आ रहे विभिन्न मुद्दों को उजागर कर रहे हैं, लेकिन हमने पाया है कि सरकार इन मुद्दों और समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। इस दौरान, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना का जिक्र करते हुए सुब्बा ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ऐसी घटनाएं हमारे निवास क्षेत्रों में नहीं होंगी। कुछ महीने पहले सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा इलाके में ऐसी ही एक घटना घट चुकी है। लेकिन इन घटनाओं पर नियंत्रण हेतु राज्य सरकार ने क्या कार्य योजना के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में आज हमने ऐसी घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है और उसकी एक प्रति सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को भी भेजी है।
सुब्बा के अनुसार, इन क्षेत्रों में हमारी मजबूत उपस्थिति होने के बावजूद दिनों दिन हम कमजोर होते जा रहे हैं। वहीं, सिलीगुड़ी में भी कागजों में हमारी अच्छी संख्या होने के बावजूद हम सिमटने की स्थिति में आ गये हैं। उन्होंने बताया कि 1986 में दार्जिलिंग के इस क्षेत्र को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने एक श्वेत पत्र जारी किया था जिसमें इस भूभाग को बंगाल का नहीं, बल्कि सिक्किम का बताया गया था। लेकिन दुर्भाग्यजनक रूप से सिक्किम और भारत सरकार इस पर गंभीर नहीं है।
उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार की तीव्र आलोचना करते हुए कहा कि जिस तरह से राज्य में अमानवीय घटनाएं हो रही हैं, ऐसे में दार्जिलिंग पहाड़ भी इसकी चपेट में आ सकता है। लेकिन हमें ऐसी परिस्थितियों को आने ही नहीं देना है। उन्होंने आगे कहा कि 17 अगस्त 1947 को केंद्र सरकार द्वारा गठित भूमि कमिशन में भी दार्जिलिंग भूभाग पश्चिम बंगाल से अलग था। 30 अप्रैल 1954 में दार्जिलिंग भूभाग को बंगाल के अधीन में रखा गया है और फिर 18 जनवरी 2018 में एब्जॉर्ब एरिया एक्ट भी रिफिल हो चुका है।
सुब्बा ने तीस्ता बाढ़ पीड़ितों की मदद में भी सिक्किम और दार्जिलिंग के लोगों में असमानता की बात कही। उन्होंने कहा, इन्हीं विषयों को समावेश करके मंच की ओर से प्रधानमंत्री और सिक्किम के मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा गया है।
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