दार्जिलिंग, 26 फरवरी । क्रामाकपा के अध्यक्ष जेवी राई ने कहा कि अगर बीजेपी गोरखाओं के लिए कुछ नहीं करेगी तो हम सोचने पर मजबूर हो जायेंगे। यहां विशेष बातचीत में श्री राई ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि हम भारतीय जनता पार्टी को 2009 से ही समर्थन करते आ रहे हैं, लेकिन भाजपा की ओर से गोरखा समुदाय के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा गोरखाओं के लिए कई वादे करती है। अपने घोषणापत्र में भी हिल्स के लिए कई वादे करती है लेकिन इस पर चुनाव के बाद कुछ नहीं किया जाता है। श्री राई ने कहा कि वे बहुत आशा और विश्वास दिखा रहे हैं, यहां तक कि इसे पार्टी के संकल्पपत्र में भी शामिल कर रहे हैं, लेकिन भाजपा ने अभी तक अपना वादा पूरा नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को सिलीगुड़ी में क्रामाकपा की केंद्रीय सचिव मंडल की बैठक हुई थी। बैठक में पार्टी के संगठनात्मक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई, जिसमें आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को क्या करना चाहिए इस पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि क्रामाकपा को गठन अलग राज्य गोरखालैंड के निर्माण के लिए किया गया है। भाजपा को समर्थन देने का भी एकमात्र कारण यही था।
उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग के संसद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट के साथ हुई बैठकों में हमें आश्वासन दिया गया कि केंद्र की भाजपा सरकार संकल्प पत्र में उल्लिखित मुद्दों के बीच आचार संहिता लागू होने से पहले गोरखाओं की शेष 11 जाति को जनजाति बनाने की घोषणा करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गोरखाओं की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में काम कर रही है। हम सांसद बिष्ट की बातों पर भरोसा कर बैठे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि भले ही संसद की बैठक अब नहीं होनी है लेकिन सरकार अध्यादेश लाकर 11 जातियों को जनजाति का दर्जा दे सकती है। बाद में सरकार गठन के उपरांत पर मंत्रिमंडल में प्रस्ताव लाया जा सकता है और इसके बाद इस संबंध में कानून लाया जा सकता है। जेवी राई ने कहा कि अगर केंद्र की भाजपा सरकार चुनाव की घोषणा होने से पहले तराई डुआर्स और गोरखाओं के लिए कुछ नहीं करती है, तो हम सोचने पर मजबूर हो जायेंगे और हम इस मुद्दे पर पार्टी केंद्रीय समिति की आपात बैठक बुला कर ठोस निर्णय लेंगे।
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