गंगटोक । विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी के नेता एवं मुख्यमंत्री पीएस तमांग (गोले) के प्रेस सलाहकार चंद्र प्रकाश भट्टराई द्वारा लगातार दिए गए बयानों के कारण उन्हें आड़े हाथों लेते हुए उन्हें अपने कथनों से राज्य की छवि धूमिल करने वाला बताया है।
एसडीएफ पार्टी का कहना है कि हाल के दिनों में भट्टराई ने अपने विभिन्न लेखों और फेसबुक पोस्ट में निम्न स्तरीय बयान दिए हैं जो उनकी घिनौनी सोच एवं राजनीतिक दिवालिएपन को दर्शाता है। एसडीएफ नेता जीएस रिजाल ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कुछ दिन पहले ही भट्टराई ने अपनी हाम्रो सिक्किम पार्टी के विलय के साथ एसडीएफ में आए पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान भाइचुंग भूटिया पर कटाक्ष करते हुए उनके व्यक्तित्व की तुलना एक कबाड़ी से की थी। साथ ही उन्होंने अन्य एसडीएफ नेताओं के खिलाफ भी इसी तरह का जहर उगला था। लेकिन भट्टराई को यह जानना चाहिए कि भाइचुंग भूटिया सिर्फ एक राजनीतिक नेता नहीं बल्कि देश की एक प्रतिष्ठित शख्सियत भी हैं जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वास्तविकता यह है कि भाइचुंग के व्यक्तित्व की तुलना में भट्टराई का व्यक्तित्व काफी नीचा है। कुछ कविताएं और कहानियां लिख कर स्वयं को कवि एवं कहानीकार समझने वाले भट्टराई को भाइचुंग भूटिया के राजनीतिक, सामाजिक और बहुमुखी व्यक्तित्व की ऊंचाई मापने के लिए एक और जन्म लेना पड़ेगा।
रिजाल ने कहा कि भट्टाराई ने अपने लेखन में कभी भी आम लोगों की समस्याओं के लिए अपनी सरकार के दीर्घकालिक समाधान या मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग गोले के किसी दृष्टिकोण के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले ही माखा में आयोजित एसडीएफ की एक बड़ी सार्वजनिक सभा में पार्टी नेता एवं देश-दुनिया में प्रतिष्ठित पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के नेतृत्व में विश्वास करते हुए कई प्रमुख वरिष्ठ लोगों एवं युवाओं ने एसडीएफ का दामन थामा था। इस पर बौखलाए भट्टराई ने गलत बयानी करने से संकोच नहीं किया।
एसडीएफ नेता ने कहा कि लोकतंत्र में राजनीति को इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए। साथ ही, जब सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालने वाला व्यक्ति ही शराबियों के जैसी भाषा का उपयोग करते हुए लिखता है, तो न केवल लोकतंत्र को नुकसान होता है, बल्कि राज्य की गरिमा भी कम होती है। इसकी बजाय ऐसे लोगों को राज्य सरकार के प्रमुख पद पर रहकर जनता को उच्च एवं बुद्धिमत्तापूर्ण विचार देने चाहिए।
हाल ही में अपने एक लेख में भट्टराई द्वारा सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी को व्यवस्था परिवर्तन करने वाली पार्टी बताने पर भी रिजाल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य की जनता समझ चुकी है कि सत्ता में आने के बाद एसकेएम पार्टी ने व्यवस्था में क्या-क्या बदलाव किये हैं जिसके कारण राज्य की प्रशासनिक और आर्थिक स्थिति गंभीर हो गई है। जनता यह भी समझ चुकी है कि पूंजीपतियों का समर्थन कर कितना कमीशन खाया जा रहा है। जनता के पास इसका भी हिसाब है कि भ्रष्टाचार के खात्मे, आर्थिक सुधार एवं बेरोजगारी समाप्त करने के वादे के साथ आई एसकेएम सरकार कितना भ्रष्टाचार खत्म किया है और कितने भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार किया है।
रिजाल ने कहा कि एक लेखक समाज का अग्रणी बुद्धिजीवी होता है, जिसे समाज में कला साहित्य एवं योग्यता का सही मूल्यांकन करने में सक्षम होना चाहिए। लेकिन भट्टराई एक ओर तो बुद्धिजीवी होने का भ्रम पाले हुए हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष के सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं को हेय दृष्टि से देखकर अपने चरित्र का भी खुलासा कर रहे हैं।
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