दार्जिलिंग । केंद्र में भाजपा नीत सरकार का कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है और इस लोक सभा के अंतिम बजट सत्र में भी दार्जिलिंग पहाड़, तराई एवं डुआर्स के गोरखाओं की लंबे समय से चली आ रही मांग के समर्थन में कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि भाजपा ने एक बार फिर पहाड़ वासियों के साथ छल किया है। हाम्रो पार्टी अध्यक्ष अजय एडवर्ड्स ने आज यहां यह बातें कहीं।
एडवर्ड्स ने कहा, केंद्र की भाजपा सरकार ने कुछ दिनों पहले अपना अंतरिम बजट पेश कर दिया है, जिसे लेकर चर्चा सत्र जारी है। यह केंद्र सरकार का इस कार्यकाल का अंतिम बजट है और अब सरकार के कुछ ही दिन बचे हैं। इस अंतरिम बजट सत्र में भी सरकार ने गोरखाओं के पक्ष में कोई प्रस्ताव नहीं लाया है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि इस बार भी उन्हें न्याय नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि बीते 15 वर्षों से पहाड़ वासियों ने भाजपा पर जताया है और उन्हें इस बार भाजपा की बहुमत वाली सरकार से न्याय की उम्मीद थी। लेकिन यह बहुत ही दुखद बात है कि इस बार भी पहाड़वासी निराश ही हुए हैं।
हाम्रो पार्टी अध्यक्ष ने कहा, पिछले चुनावों के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं ने समस्त पहाड़ वासियों को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे। उन्होंने पहाड़ समस्या के स्थायी राजनीतिक समाधान, गोर्खाओं की 11 जातियों को जनजाति का दर्जा, चाय श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारण आदि जैसे कार्य करने की बात अपने संकल्प पत्र में लिखी थी। लेकिन केंद्र में लगातार 10 सालों तक बहुमत की सरकार चलाने के बावजूद भाजपा ने इन वादों को पूरा नहीं किया है। यह समूचे पहाड़ वासियों के साथ विश्वासघात है।
2007 में केंद्र में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय हुए छठी अनुसूची समझौते को याद करते हुए एडवर्ड्स ने कहा, भारतीय जनता पार्टी द्वारा पहाड़, तराई एवं डुवार्स की दीर्घकालिक समस्या के स्थायी राजनीतिक समाधान की बात कहने पर पहाड़वासी 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही उन्हें अपना समर्थन देते आ रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भाजपा ने अपना वादा पूरा नहीं किया है।
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