दार्जिलिंग । सांसद Raju Bista ने आरोप लगाया कि राज्य की तृणमूल सरकार को देश के संविधान और संवैधानिक प्रावधानों पर भरोसा नहीं है। दार्जिलिंग के लोकसभा सदस्य राजू बिष्ट ने एक विशेष साक्षात्कार के दौरान दोहराया कि हमारा देश भारत संविधान और संवैधानिक प्रावधानों से चलता है, लेकिन राज्य की तृणमूल सरकार संविधान और संवैधानिक प्रावधानों को ताक पर रखकर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि जिले के कोने-कोने तक विकास पहुंच सके, इसके लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक कमेटी बनाने का निर्देश जारी किया है, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी कमेटी बनाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्होंने कहा कि मैं संसद का निर्वाचित सदस्य हूं, मेरे निर्वाचन क्षेत्र में दार्जिलिंग, कालिपोंग जिलों के जिला अधिकारी शामिल हैं, लेकिन आज तक मैंने एक भी बैठक नहीं बुलाई है।
सांसद ने कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद राज्य की तृणमूल सरकार दिशा समिति बनाने से इंकार कर रही है। उन्होंने कहा कि समिति का गठन नहीं होने के कारण इन क्षेत्रों में केंद्र सरकार द्वारा जारी विकास परियोजनाएं नहीं चल रही हैं। उन्हें ठीक से लागू नहीं किया गया है और इस पर आज तक जांच भी नहीं हुई है। बड़े पैमान पर भ्रष्टाचार और घोटाले हो रहे हैं।
सांसद बिष्ट ने बताया कि 2020 में नया श्रम कानून लागू किया गया है, लेकिन इसे भी पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस ने लागू नहीं किया है। यह नया श्रम कानून श्रमिकों की सुरक्षा के हित में है। उन्होंने यह भी कहा कि वाणिज्य पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य के रूप में, मैंने 171 पेज की एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें एक कानून बनाने की मांग की गई है जिसके तहत श्रमिकों के लिए जमीन और मकान किराए पर लेने का अधिकार सुनिश्चित किया जाए। सांसद ने कहा, मैंने मांग की है कि सरकार को न्यूनतम मजदूरी पर तुरंत काम करना चाहिए।
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