गंगटोक । Sikkim Democratic Front (SDF) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकेआरएस के पदाधिकारियों और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव द्वारा एसडीएफ पार्टी पर नामची और गंगटोक में किरात राई जाति के महान त्योहार साकेवा का राजनीतिकरण करने के एसडीएफ पर लगाए गए आरोप पर कड़ी आपत्ति जताई है।
यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में पार्टी की प्रचार प्रसार महासचिव जूडी राई ने कहा कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में प्रत्येक नागरिक अपने धर्म, परंपरा और रीति-रिवाजों का पालन कर सकता है। अपनी संस्कृति और परंपरा के संरक्षण, संवर्धन और उत्थान के लिए त्योहार मनाना सभी जातियों और समुदायों या नागरिकों का संवैधानिक अधिकार है। यह अधिकार संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा गारंटीकृत है। साकेवा किरात राई समुदाय का विशुद्ध रूप से जातीय और सांस्कृतिक त्योहार है। संविधान ने प्रत्येक नागरिक को यह त्यौहार मनाने का अधिकार दिया है। हालांकि, इस उत्सव को लेकर एसडीएफ पार्टी पर श्री खालिंग के आरोपों ने संवैधानिक अधिकारों का अतिक्रमण किया है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक राजनीतिक दल में विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों, परंपराओं और भाषाओं का पालन करने वाले सदस्य होने चाहिए। श्री खालिंग का यह तर्क कि किसी पार्टी में विश्वास रखने वाले सदस्य के नेतृत्व में उस जाति समुदाय का सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किया गया है, एक अवैज्ञानिक, असामाजिक, संस्कृति-विरोधी और जाति-विरोधी परिकल्पना है जो पूरी तरह से कुंठित मानसिकता को प्रकट करता है। उनके बयान राजनीति से प्रेरित हैं। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव ने श्री पवन चामलिंग का विरोध करने के लिए एकेआरएस के बैनर का दुरुपयोग किया है। उन्होंने साकेवा जैसे पवित्र त्योहार की अवहेलना की है। इतना ही नहीं उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को सरेआम धमकी भी दी है। क्या यह राजनीतिकरण नहीं है?
श्रीमती राई ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बेबुनियाद आरोप कि लेग्शेप का साकेवा उत्सव SDF द्वारा आयोजित किया गया है, सिर्फ झूठ है और लोगों को गुमराह करने और भय का माहौल पैदा करने के लिए एसकेएम पार्टी की एक कुटिल चाल है। श्री खालिंग को अपनी ओर मुड़ने दीजिए और देखने दीजिए कि वे किस पार्टी से हैं। यदि वे भी किसी पार्टी के सदस्य हैं, तो क्या नामची में एकेआरएस मनाया जाने वाला साकेवा उत्सव भी राजनीति से प्रेरित है? क्या हम कह सकते हैं कि यह त्योहार एसकेएम पार्टी का त्योहार है? एकेआरएस द्वारा आयोजित इस महोत्सव में आमंत्रित बैनर में एसकेएम अध्यक्ष श्री पीएस गोले और उनकी पत्नी श्रीमती कृष्णा माया राई की बड़ी फोटो है, क्या यह राजनीतिकरण नहीं है?
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