गंगटोक, 15 अक्टूबर । National Green Tribunal (NGT) ने चुंगथांग बांध के टूटने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सिक्किम सरकार, सिक्किम ऊर्जा लिमिटेड और नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (एनएचपीसी) को नोटिस जारी किया है। तीनों हितधारकों को 20 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है।
नोटिस हाल ही में आई अचानक आई बाढ़ के मद्देनजर जारी की गई है, जिसमें 7 लोगों की जान चली गई और 3 और 4 अक्टूबर की मध्यरात्रि को दक्षिण ल्होनक झील से हिमनद झील के फटने के बाद चुंगथांग में 1200 मेगा वाट सिक्किम ऊर्जा तीस्ता-3 को भारी नुकसान पहुंचा।
घटना के तुरंत बाद, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बांध पर घटिया काम के लिए पिछली पवन चामलिंग सरकार को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा था कि सरकार इसकी जांच कराएगी। यह बांध 2017 में चालू किया गया था, जब सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व वाली सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) सरकार सत्ता में थी।
हालांकि, चामलिंग की पार्टी ने मुख्यमंत्री तमांग के आरोपों का खंडन किया है। एसडीएफ ने कहा था कि तीस्ता-3 बांध के ढहने की फोरेंसिक जांच होनी चाहिए। इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि क्या ग्लेशियर झील में आई बाढ़ को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए थे।
एनजीटी की सुनवाई ऐसे समय में हुई है जब राज्य सरकार 520 मेगा वाट तीस्ता चरण 4 जल विद्युत परियोजना स्थापित करने के लिए जमीन तैयार कर रही है।
इस बीच पर्यावरणविद सिक्किम में बांधों का विरोध कर रहे हैं। तीस्ता के प्रभावित नागरिक (एसीटी) ने सिक्किम में जल विद्युत परियोजनाओं के खिलाफ 22 जून 2007 से 27 सितंबर 2009 तक 915 दिनों का प्रदर्शन किया था। कई लोगों का मानना है कि एसीटी के अभियान के कारण तीस्ता बेसिन में चार जल विद्युत परियोजनाएं रद्द कर दी गईं।
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