गंगटोक, 11 अक्टूबर । 2009 में तुमिन लिंगी समष्टि अंतर्गत जोंग क्षेत्र में एनएचपीसी की जलविद्युत परियोजना की स्थापना हेतु अपनी घर-जमीन खोने वाले 30 परिवारों को 14 साल बाद आज मुआवजा मिला है। स्थानीय सम्मान भवन में आज आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) द्वारा प्रभावित परिवारों को मुआवजा प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री गोले ने कहा कि पीड़ित परिवारों को यह मुआवजा बहुत पहले ही मिल जाना चाहिए था, लेकिन तत्कालीन एसडीएफ सरकार द्वारा इस ओर ध्यान नहीं देने के कारण विस्थापित परिवारों को धोखा दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब एसकेएम पार्टी की सरकार सत्ता में आई तो उन्होंने इस मामले को संज्ञान में लिया और एनएचपीसी से बात कर पहल की। उसी का नतीजा है कि आज प्रभावित परिवारों को न्याय मिला है। उन्होंने बताया कि मुआवजे की 50 प्रतिशत राशि आज प्रदान कर दी गई है और शेष राशि भी शीघ्र प्रदान की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 14 साल पहले 2009 में एनएचपीसी की सार्वजनिक विद्युतीकरण परियोजना के कारण जोंग क्षेत्र के कई परिवारों को अपना घर-बार छोड़ कर दूसरे स्थानों पर जाना पड़ा था। उसके बाद प्रभावित लोगों ने तत्कालीन राज्य सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया था। आखिरकार आज 14 साल बाद उन्हें मुआवजा मिला है। एसकेएम सरकार के गठन के बाद 2022 में प्रभावित परिवारों, एनएचपीसी और राज्य सरकारी प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते में 33 फीसदी मुआवजे पर सहमति के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू हुई। ऐसे में आज 30 परिवारों को कुल 12 करोड़ 41 लाख रुपए में से आधी मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है।
आज मुआवजे के अलावा मुख्यमंत्री ने विभिन्न संगठनों, खेल मैदानों, उद्यमियों, व्यापारियों, मंदिर निर्माण आदि के लिए भी 10 संस्थाओं को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से सहायता दी है। वहीं, आज के कार्यक्रम में राज्य में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर विभिन्न संगठनों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में आर्थिक सहयोग प्रदान किया। इनमें यूथ डेवलपमेंट फ्रंट, सिमफेड, सिक्किम क्रिकेट एसोसिएशन, सिस्को बैंक, एनएचपीसी आदि ने मुख्यमंत्री को राहत राशि के चेक सौंपे। इसी तरह च्याखुंग निवासी सोनम शेरपा ने विस्थापित परिवारों के लिए सिंगताम आदर्श गांव में दो एकड़ जमीन उपलब्ध कराने की बात कही।
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